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महंगाई की मार से आमजन बेहाल

locationरायसेनPublished: Oct 18, 2021 12:00:21 am

खाद्य तेल, दाल, चावल, आटा सहित दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतें अधिक, लोगों के घरों का बजट करीब 50 प्रतिशत तक बढ़ा

खाद्य तेल, दाल, चावल, आटा सहित दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतें अधिक, लोगों के घरों का बजट करीब 50 प्रतिशत तक बढ़ा

महंगाई की मार से आमजन बेहाल

सुल्तानगंज. महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है। एक बार फिर तेल से लेकर चीनी तक और आटा से लेकर चावल तक की कीमतों में उछाल आ गया। वहीं डीजल 100 के पार पहुंच गया तो गैस सिलेंडर 900 के ऊपर मिल रहा है। बीते 15 दिनों में सरसों के तेल पर 20 रुपए लीटर की बढ़ोतरी हुई है। तेल की न्यूनतम कीमत 145 से 160 रुपए प्रति लीटर हो गई। आटे की कीमत में भी दो रुपए किलो की बढ़ोतरी हुई है। जबकि ब्रांडेड आटे की कीमत तीन रुपए प्रति किलो बढ़ी। ऐसे में चावल के दाम कहां कम रह सकते और 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। किराना व्यापारी नीलेश जैन का कहना है कि खाने पीने के सामान के अलावा बॉडी लोशन की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत, नमकीन की कीमतों में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। उन्होंने कहा कि बाजार में यह चर्चा है कि गेहूं, चावल और चीनी के निर्यात के कारण दामों में इजाफा हो रहा है।

कीमत बढ़ाई, वजन भी कम कर दिया
खाने पीने का सामान बेचने वाली कंपनियों की दोहरी मार उपभोक्ताओं पर पड़ रही है। कुछ तेल पैक्ड कंपनियां 910 ग्राम वजन देती थीं, लेकिन हाल ही में इसका वजन 905 ग्राम कर दिया गया। यानि एक तरफ दाम बढ़ाए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ वस्तु का वजन भी कम कर ग्राहकों से ज्यादा कमाई की जा रही। किराना दुकानदार सुनील पूरी का कहना है कि अगस्त माह में मूंग, अरहर, मसूर, उड़द की कीमतों में थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन सितंबर के अंत और अक्टूबर प्रारंभ में इनकी कीमतों में फिर बढ़ोतरी हो गई। घरों का बजट 50 प्रतिशत तक बढ़ा।

मंहगाई के चलते कोरोना काल के बाद आम आदमी के घर का बजट लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ गया। घर का बजट महंगाई के बढऩे के साथ नौकरियां छूटने और वेतन में कटौती से भी आमजन प्रभावित हुआ है। लक्ष्मी राजपूत व रजनी विश्वकर्मा आदि का कहना है कि महंगाई बढऩे के कारण उनके घर के बजट में प्रत्येक माह करीब 4000 रुपए प्रति माह की बढ़ोतरी हो चुकी है। घर कार्य के लिए बचत के रुपए का उपयोग किया जा रहा है। रुपए जोड़कर रखने जैसी स्थिति अब समाप्त हो चुकी है, अन्य खर्चों के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।

सरकार बढ़ाए रोजगार के अवसर
स्कूल फीस से लेकर पेट्रोल डीजल के दामों तक में बढ़ोतरी हुई है। अर्थव्यवस्था अभी तक कोरोना के प्रभाव से बाहर नहीं निकल सकी है। नागरिकों का कहना है कि मंहगाई पर नियंत्रण और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार को गंभीर कदम उठाने चाहिए। खाद्य सामग्री के साथ-साथ जनवरी से लेकर सितंबर के माह तक गैस सिलेंडर के दाम भी नौ सौ के ऊपर पहुंच गए।
&महंगाई कम करने के स्थान पर सरकार गरीबों को खत्म करने का प्रयास कर रही है। आम आदमी की समस्याओं से सरकार को कोई सरोकार नहीं है। पूरे देश को गिरवी रखा जा रहा है, अर्थव्यवस्था सुधारने की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा।
-देवेन्द्र पटेल, अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी रायसेन।

-देश की एक-एक चीज बेची जा रही और जनता खामोश है। आए दिन रोजमर्रा के काम में आने वाली चीजों की दाम बढ़ाए जा रहे हैं। जनता को दूसरे काम में उलझा कर ध्यान भटका या जा रहा है। गरीबों के हित का हिंडोला पीटने वाली सरकार गरीबों को महंगाई के बोझ तले दबाने पर तुली हुई है।
-बैजनाथ सिंह यादव, जिला मंत्री कांग्रेस।
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