कुछ दिन पहले ही हुई बोवनी की फसलों को अधिक नुकसान होना बताया जा रहा है। विशेषकर उदयपुरा तहसील में अधिक नुकसान हुआ है। जहां गुरुवार रात जमकर ओलावृष्टि हुई थी। फसलों का नुकसान होने की जानकारी मिलने पर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने सर्वे कराने की बात कही है।
गुरुवार को ही राजस्व अधिकारी खेतों की स्थिति देखने पहुंच गए थे। उदयपुरा के अलावा सुल्तानपुर और रायसेन तहसील के किसानो ने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर नुकसान का सर्वे कर की है।
हजारों हेक्टेयर की फसलें चौपट
उदयपुरा. संपूर्ण उदयपुरा तहसील में बेमौसम बरसात एवं उसके साथ आंधी तूफान ओलों की अतिवृष्टि हुई जिससे उदयपुरा तहसील के करीब 50 ग्रामों की हजारों हेक्टर की फसलें खराब हो गई हैं। छोटे किसानों की फल, सब्जी की फसलें भी खराब हो गई हैं।
हजारों हेक्टेयर की फसलें चौपट
उदयपुरा. संपूर्ण उदयपुरा तहसील में बेमौसम बरसात एवं उसके साथ आंधी तूफान ओलों की अतिवृष्टि हुई जिससे उदयपुरा तहसील के करीब 50 ग्रामों की हजारों हेक्टर की फसलें खराब हो गई हैं। छोटे किसानों की फल, सब्जी की फसलें भी खराब हो गई हैं।
जिससे किसान काफी परेशान दिखाई दे रहा है। किसान संघों ने शुक्रवार को तहसील में एकत्रित होकर एसडीएम के नाम तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें करीब 50 गांव में भारी बरसात एवं ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों की जानकारी दी।
किसानों ने शासन से शीघ्र सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की है। भारतीय किसान संघ मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर, जिला महामंत्री बेनी सिंह बड़कुर, ब्लॉक अध्यक्ष बलराम सिंह वर्मा के नेतृत्व में पहुंचे किसानों ने मुआवजा की मांग की। बाद में तहसीलदार बृजेश सिंह सहित अन्य अधिकारी खेतों में पहुंचे और फसलों की स्थिति देखी।
किसानो के साथ खेतों पर पहुंची तहसीलदार
सुल्तानपुर. क्षेत्र की उड़दमऊ पंचायत के गांवों में गुरुवार का हुई ओलावृष्टि का अधिक असर हुआ। यहां किसानो की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान होना बताया जा रहा है। शुक्रवार को किसानों ने तहसील पहुंचकर नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। किसानो ने बताया कि उनकी सौ फीसदी खबरें नष्ट हो गईं।
सुल्तानपुर. क्षेत्र की उड़दमऊ पंचायत के गांवों में गुरुवार का हुई ओलावृष्टि का अधिक असर हुआ। यहां किसानो की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान होना बताया जा रहा है। शुक्रवार को किसानों ने तहसील पहुंचकर नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। किसानो ने बताया कि उनकी सौ फीसदी खबरें नष्ट हो गईं।
पंचायत के सरपंच संदीप राय का कहना है कि हम सभी किसानों की रबी फसल की बोनी हो चुकी थी, जो ओलावृष्टि के कारण पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। जिसका सर्वे कर मुआवजा दिया जाए। फिर से बोवनी के लिए खाद, बीज उपलब्ध कराया जाए।
किसानो की पीड़ा सुन नायब तहसीलदार शिवांगी खरे पटवारियों एवं गिरदावर सहित प्रभावित खेतों में पहुंची और नुकसान का आंकलन किया। 16 गांवों में हुआ नुकसान
रायसेन तहसील के क्षेत्र के लगभग डेढ़ दर्जन गांवों में ओलावृष्ष्टि से फसलों को नुकसान हुआ हे। शुक्रवार को इन गांवो के किसानों ने एडीएम को ज्ञापन सौंपकर सर्वे कराने की मांग की। किसानो ने बताया कि खरबई, रम्पुरा, नांद, पिपलखिडिय़ा पंचायतों के 16 गांवों में हुई बेजा ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है।
रायसेन तहसील के क्षेत्र के लगभग डेढ़ दर्जन गांवों में ओलावृष्ष्टि से फसलों को नुकसान हुआ हे। शुक्रवार को इन गांवो के किसानों ने एडीएम को ज्ञापन सौंपकर सर्वे कराने की मांग की। किसानो ने बताया कि खरबई, रम्पुरा, नांद, पिपलखिडिय़ा पंचायतों के 16 गांवों में हुई बेजा ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है।
यहां नुकसान, यहां लाभ
कृषि वैज्ञानिक स्वप्रिल दुबे का कहना है कि बारिश से कहीं फसलों को नुकसान है तो कही लाभ भी हुआ है। उन्होंने बताया कि जहां बोवनी 15 दिन पुरानी हो चुकी है, वहां की फसलों के लिए यह बारिश अमृत के समान है। साथ जहां बोवनी नहीं हुई है, किसान पलेवा कर रहे थे, उनको अब पलेवा की जरूरत नहीं होगी। लेकिन जहां बोवनी पांच से सात दिन पहले ही की गई है, वहां बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हो सकता है।
कृषि वैज्ञानिक स्वप्रिल दुबे का कहना है कि बारिश से कहीं फसलों को नुकसान है तो कही लाभ भी हुआ है। उन्होंने बताया कि जहां बोवनी 15 दिन पुरानी हो चुकी है, वहां की फसलों के लिए यह बारिश अमृत के समान है। साथ जहां बोवनी नहीं हुई है, किसान पलेवा कर रहे थे, उनको अब पलेवा की जरूरत नहीं होगी। लेकिन जहां बोवनी पांच से सात दिन पहले ही की गई है, वहां बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हो सकता है।
80 फीसदी हो चुकी है बोवनी
कृषि विभाग के अनुसार जिले में रबी फसलों की लगभग 80 फीसदी बोवनी हो चुकी है। जिसमें लगभग 50 फीसदी बोवनी 15 दिन पुरानी है। जबकि 30 फसदी बोवनी दो से 10 दिन पुरानी है। जिसे नुकसान काखतरा है।
कृषि विभाग के अनुसार जिले में रबी फसलों की लगभग 80 फीसदी बोवनी हो चुकी है। जिसमें लगभग 50 फीसदी बोवनी 15 दिन पुरानी है। जबकि 30 फसदी बोवनी दो से 10 दिन पुरानी है। जिसे नुकसान काखतरा है।
कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि Óयादा हुई है। संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को फील्ड में जाने के लिए बोला है। जैसे ही उनकी रिपोर्ट आएगी हम आगे की कार्रवाई करेंगे।
– उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर रायसेन
– उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर रायसेन