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बढ़ रहा मौसमी बीमारियों का कहर

locationरायसेनPublished: Oct 16, 2021 09:04:10 pm

Submitted by:

praveen shrivastava

डेंगू, मलेरिया के साथ बुखार हावी, वायरल को हल्के में लेना पड़ा सकता है भारी।

बढ़ रहा मौसमी बीमारियों का कहर

बढ़ रहा मौसमी बीमारियों का कहर

रायसेन. नवरात्रि समाप्त होती है मौसम में ठंडक घुलने लगी है। दिन और रात के तापमान में गिरावट के साथ मौसमी बीमारियों का असर और बढ़ गया है, पहले ही डेंगू और मलेरिया ने लोगों को जकड़ रखा है अब वायरल फीवर के साथ सर्दी जुकाम के मरीज भी बढऩे लगे हैं। अस्पतालों में मरीजों की कतारें लग रही हैं। डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि अभी तक जिले मेें डेंगू से किसी की मौत की जानकारी नहीं है, लेकिन कुछ दिन के बुखार के बाद कई मरीजों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं जिनकी कसी तरह की कोई जांच नहीं हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मामले आए दिन सुनाई पड़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मामले अधिक आ रहे हैं। मलेरिया विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार जिले में अब तक डेंगू के 38 मरीज मिल चुके हैं। जबकि मलेरिया के 21 मरीज मिले हैं।
इसलिए जरूरी है सावधानी
– ग्राम चांदनगोड़ा निवासी 55 वर्षीय कालीदास ओड को तीन दिन तेज बुखार आया, उन्होंने सुल्तानपुर जाकर डॉक्टर से दवाएं लीं, जिससे बुखार ठीक हो गया, लेकिन अगले ही दिन अचानक हार्ट अटेक से उसकी मौत हो गई।
– ग्राम रम्पुरा निवासी 48 वर्षीय भगवान सिंह को शरीर में जकडऩ और तेज सिर दर्द के बाद तेज बुखार आया। उसने एक निजी क्लीनिक से दवाएं लीं, जिससे तुरंत फायदा हुआ और वो अपने काम में लग गया। एक दिन बाद ही उसे फिर तेज बुखार आया और रात में उसकी मौत हो गई।
– संस्कार कॉलोनी निवासी भूपेंद्र सिसोदिया की एक वर्षीय बेटी को पांच दिन बुखार आया, जिला अस्पताल में उसका इलाज कराया। जिससे कुछ आराम लगा, लेकिन तीन दिन पहले अचानक उसकी मौत हो गई।
ये ऐसे मामले हैं, जिनमें मर्ज को समझने में देरी होना मरीज की मौत का कारण बना। इन दिनों डेंगू, मलेरिया के साथ वायरल फीवर खतरनॉक साबित हो रहा है। इसलिए शरीर में जरा भी तकलीफ या असहज लगे तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।
ये लक्षण हैं तो कराएं जांच
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार किसी भी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, भूख न लगना, दस्त लगना आदि के लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना चाहिए। आमतौर पर देखा गया है कि मरीज घर पर ही पारंपरिक इलाज करते हैं। ठीक होने की उम्मीद में 5 से 7 दिन गुजार देते हैं, जिससे स्वास्थ्य लाभ होने के बजाय उनकी बीमारी और बढ़कर जटिल हो जाती है। ऐसे लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अगर कोविड-19 की जांच पॉजीटिव आती है तो इलाज और जटिल हो जाता है। ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट या आईसीयू में भर्ती कर उपचार करना पड़ता है।
इनका कहना है
इन दिनो मौसम में परिवर्तन हो रहा है। जिससे वायरल फीवर सहित अन्य बीमारियों का खतरा है। डेंगू, मलेरिया का खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में सावधानी रखना जरूरी है। बीमारी के जरा भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं और दवाएं लें।
डॉ. एके शर्मा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल
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