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सिंचाई के लिए 10 के बजाय दे रहे सिर्फ छह घंटे बिजली

locationरायसेनPublished: Feb 17, 2020 08:56:20 pm

Submitted by:

praveen shrivastava

खेत सूखने से घट सकती है गेहूं की पैदावार, बिजली कंपनी ने तय कर रखा है सिंचाई के लिए 10 घंटे का रोस्टर।

सिंचाई के लिए 10 के बजाय दे रहे सिर्फ छह घंटे बिजली

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रायसेन. जिले में इस बार 2 लाख लाख 87 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फ सल खड़ी है। 1 लाख &0 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में चना की बोवनी की गई है। 50 हजार हेक्टेयर में मसूर की बोवनी की गई है। फि र भी पैदावार घटने की आशंका है। इसका बड़ा कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त बिजली न मिलना है। 10 घंटे की बजाय 5-6 घंटे ही बिजली सप्लाई हो पा रही है। किसानों का कहना है कि बिजली कंपनी के अधिकारी जानबूझकर लाइट गुल कर कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से दिन में तेज धूप निकल रही है। इससे खेतों में नमी खत्म हो रही है। सिंचाई के लिए किसानों को बिजली चाहिए। लेकिन हालात यह हैं कि तहसील रायसेन क्षेत्र के 87 ट्रांसफ ार्मर ही खराब पड़े हैं। ऐसे में किसानों की गेहूं की फसलों की सिंचाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।
बिजली कंपनी की ओर से दिए जाने वाले मोटर रोस्टर में दस घंटे बिजली देने का प्रावधान है। पानी पर्याप्त नहीं मिलने के कारण खेत सूखे होने से गेहूं की फ सलें छोटी रह गई और छोटी फ सल में बालियां भी आ गईं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन तीन से चार घंटे की कटौती की जा रही है। बिजली की समस्या को लेकर अब किसान भी नाराज होने लगे हैं। किसानों का सब्र फूटकर कभी भी सड़कों पर आ सकता है। बिजली संकट को लेकर न जनप्रतिनिधियों को फि क्र है न अफ सरों को। किसानो का कहना है कि सांची ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से चार घंटे बिजली कटौती हो रही है तो वहीं तहसील गैरतगंज और बेगमगंज क्षेत्र में पांच और सिलवानी में तीन घंटे से 4 घंटे के लिए किसी भी समय बिजली काट दी जाती है।
कृषि विशेषज्ञ बोले
कृषि विशेषज्ञ डॉ. स्वप्निल दुबे, सहायक कृषि अधिकारी केव्ही दुबे का कहना है कि इस बार शुरुआत में मौसम अनुकूल होने समय रहते नहर में पानी आ जाने से किसानों ने सबसे Óयादा गेहूं की बोवनी की। लेकिन अब बिजली न मिलने के कारण किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। दिन में तेज धूप होने से खेतों में नमी खत्म हो गई और फसल छोटी रह गई है। इससे न केवल गेहूं की पैदावार पर असर पड़ेेगा बल्कि भूसा भी कम मात्रा में निकलेगा।
किसानों की परेशानी
बिजली बिना नहीं कर पा रहे सिंचाई
किसान बलवीर सिंह, बलवंत सिंह भदौरिया, मुन्ना लाल, छोटे राम खत्री का कहना कि बिजली न मिलने से गेहूं की फसल की बढ़वार थम सकती है। दावा बिजली कंपनी 10 घंटे का कर रही है, लेकिन 5-6 घंटे सिंचाई के लिए लाइट मिल पा रही है। उधर कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि 576 बकायादार किसानों के कृषि पंप कनेक्टर काट चुके हैं। इन पर 89 लाख रुपए बकाए थे।
87 ट्रांसफ ार्मर खराब
जिला मुख्यालय से 90 से 100 किमी दूरी पर बसे गांवों गांवों में बिजली देने के लिए 4&1 ट्रांसफ ार्मर लगे हैं। इनमें से 87 ट्रांसफ ार्मर खराब हैं। बिजली कंपनी इन्हें न सुधरवा रही है न बदलवा रही है। कंपनी ने क्षेत्र के किसानों से 70 प्रतिशत बिल की राशि भी जमा करा ली। सैकड़ों किसानों को अस्थायी बिजली कनेक्शन भी दिए। लेकिन बिजली तो दूर अस्थायी कनेक्शन की रसीदें तक नहीं दीं। अब किसानों को न बिजली मिल रही है न उनके पास पैसे जमा करने का कोई सबूत है। किसान बिजली कंपनी के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं।
इनका कहना है
– सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली लगातार दे रहे हैं। 87 डीपी में मरम्मत कार्य चल रह है। जल्द ही उनका सुधार कर किसानों को भिजवा देंगे।
एनके श्रीवास्तव, एई बिजली कंपनी ग्रामीण
– गेहूं, चना फ सल के हिसाब से तापमान ठीक है, लेकिन खेत में नमी खत्म होने पर अक्सर फ सलें छोटी रह जाती हंै और ग्रोथ नहीं कर पातीं। इसलिए छोटी फ सलों में जल्दी बाली आ जाती है। किसान को सिंचाई करते रहना चाहिए, ताकि नमी बनी रहे।
एनपी सुमन, उपसंचालक कृषि
– हमने रबी सीजन में गेहूं की फ सल की सिंचाई के लिए 5500 रुपए जमा करके अस्थायी कनेक्शन लिया था। लेकिन कर्मचारियों ने रसीद नहीं दी। अब बिजली नहीं मिल रही। पैसा जमा करने का कोई सबूत भी नहीं है। कोई सुनने वाला ही नहीं।
बलराम लोधी, किसान डंडेरा
– हमने रायसेन ग्रामीण आफिस में चार हजार रुपए जमा कर अस्थायी कनेक्शन लिया था। कर्मचारियों ने हमें रसीद नहीं दी। अब तक बिजली भी नहीं आई है। बिजली न आने से सिंचाई नहीं कर पा रहे, इसलिए हमारी गेहूं की फ सल सूख रही है।
महेश अहिरवार, किसान बड़ोदा
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