44 डिग्री तापमान में भी खुली धूप में खड़े रहते हैं ये जवान, ताकि हरा भरा रहे बोधि वृक्ष
रायसेनPublished: May 15, 2022 08:55:36 pm
भगवान बुद्ध के प्रिय बोधि वृक्ष की सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवानों को देना पड़ रही कड़ी परीक्षा।
44 डिग्री तापमान में भी खुली धूप में खड़े रहते हैं ये जवान, ताकि हरा भरा रहे बोधि वृक्ष
प्रवीण श्रीवास्तव, रायसेन. 44-45 डिग्री तापमान में जहां लोग अपने घरों में दुबक कर कूलर और एयर कंडीशनर में बैठकर दोपहर काट रहे हैं, वहीं रायसेन पुलिस के 4 जवान इस भीषण गर्मी में खुली धूप में और एक चट्टानी पहाड़ी पर दिन भर खड़े रहकर एक पेड़ की सुरक्षा कर रहे हैं। वे केवल पेड़ की सुरक्षा ही नहीं कर रहे हैं बल्कि उसे हरा भरा रखने के लिए दूर-दूर से लाकर पानी भी दे रहे हैं। सलामतपुर के पास प्रस्तावित यूनिवर्सिटी पहाड़ी पर रोके गए बोधि वृक्ष की सुरक्षा में प्रशासन द्वारा पुलिस के 4 जवान तैनात किए गए हैं, लेकिन इन जवानों को कड़ी धूप से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। पहाड़ी पर एक टीन शेड बनाया गया है, जिसमें चिलचिलाती धूप में अंदर बैठना भट्टी में बैठने के समान है। ऐसे में यह जवान पहाड़ी पर लगे छोटे-छोटे नीम के पेड़ों का सहारा लेकर दोपहर काटते हैं। रात 9 बजे से पहले टीन शेड में घुसना मुश्किल होता है।
आज बुद्ध पूर्णिमा है, भगवान बुद्ध को समर्पित बोधि वृक्ष इस पहाड़ी पर वर्ष 2012 में यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महेंद्रा राजपक्षे ने श्रीलंका से लाए बोधि वृक्ष की एक कलम को रोपा था। जो आज वृक्ष का रूप रूप ले रही है। इस बोधि वृक्ष की सुरक्षा के लिए 24 घंटे 4 जवान तैनात रहते हैं।
खुद पानी डालकर बचा रहे बोधि वृक्ष
जानकारी के अनुसार सांची नगर परिषद द्वारा बोधि वृक्ष सहित अन्य पौधों में पानी डालने के लिए दमकल को भेजा जाता था, लेकिन बीते 2 माह से यहां दमकल नहीं पहुंची है, जिससे पुलिस के यह जवान खुद पानी की व्यवस्था कर पेड़ों को दे रहे हैं। कुछ दिन पहले यूनिवर्सिटी की बाउंड्री वाल का निर्माण शुरू हुआ है। निर्माण एजेंसी ने पहाड़ी पर बोर कराए हैं, वहां से यह जवान पानी लेकर आते हैं और बोधि वृक्ष को हरा भरा रखे हुए हैं। पता चला है कि सांची की दमकल खराब हो गई है, इसलिए पानी देने यूनिवर्सिटी पहाड़ी पर नहीं जा पा रही है।
क्या है बोधि वृक्ष
बोधि वृक्ष बिहार के गया जिले में बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में स्थित एक पीपल का पेड़ है। इसी पेड़ के नीचे ईसा पूर्व 531 में भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक ने अपने बेटे महेंद्र और बेटी संघमित्रा को बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए बोधि वृक्ष की टहनियां देकर उन्हें श्रीलंका भेजा था। उन्होंने ही अनुराधापुरा में उस वृक्ष को लगाया था। जो आज भी वहां मौजूद है। श्रीलंका के उसी बोधिवृक्ष की एक टहनी को सलामतपुर की इस पहाड़ी पर रोपा गया था।
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