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दर्शन, धर्म और संस्कृति की री-रीडिंग का लक्ष्य

locationरायसेनPublished: Feb 24, 2021 09:08:54 pm

Submitted by:

praveen shrivastava

सांची यूनिवर्सिटी की कुलपति ने कहा भारतीयता पर गर्व का अहसास कराना है उद्धेश्य।

दर्शन, धर्म और संस्कृति की री-रीडिंग का लक्ष्य

दर्शन, धर्म और संस्कृति की री-रीडिंग का लक्ष्य

रायसेन. सांची यूनिवर्सिटी की स्थापना जिस उद्देश्य को लेकर की गई है, उसे उसके मूल स्वरूप के साथ आगे बढ़ाना ही हमारा पहला लक्ष्य होगा। भारतीयता पर हम गर्व महसूस करें, इसके अलग-अलग स्वरूपों को समझें और उन्हें आत्मसात करें, इसी उद्देश्य को लेकर यूनिवर्सिटी में लक्ष्य निर्धारण कर कार्य किए जाएंगे। यह बात सांची बौद्ध अध्ययन विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने पत्रिका से विशेष बातचीत में कही। कश्मीर से धारा 370 हटाने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई 71 लोगों की टीम का निर्देशन करने वाली डॉ नीरज गुप्ता ने तीन दिन पहले ही सांची यूनिवर्सिटी में कुलपति का प्रभार ग्रहण किया है।
उन्होंने कहा कि सांची यूनिवर्सिटी का मूल स्वरूप दर्शन, धर्म और संस्कृति की री-रीडिंग कराना है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में होने वाले शोध और उनसे प्राप्त होने वाली उपलब्धियां आमजन तक पहुंचे, इसके प्रयास किए जाएंगे, ताकि लोग धर्म, दर्शन और संस्कृति को के भारतीय स्वरूप को गहराई से समझ सकें और फिर अपने पर भारतीय होने का गर्व कर सकें। विश्वविद्यालय में नए कोर्स शुरू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले यहां रिसोर्सेज देखना है, यहां उपलब्ध संसाधनों के अनुसार ही नए कोर्स शुरू करने पर विचार किया जाएगा। पहले खुद को सक्षम बनाना है और फिर वैश्विक स्तर पर यूनिवर्सिटी को पहुंचाना है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि अब यूनिवर्सिटी की उपलब्धियां आमजन को भी नजर आएंगी। भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपर्क को बढ़ाते हुए योजना बनाकर काम करेंगे। ताकि इसके मूल स्वरूप को और समृद्धि ढंग से स्थापित किया जा सके। भारतीय संस्कृति पर चर्चा के दौरान डॉ. गुप्ता ने कहा कि हमने अपने प्रतिमानों को कमजोर किया है, उन्हें वापस लाना है। विश्वविद्यालय की अवधारणा के अनुरूप इस दिशा में मजबूती से काम किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि डॉ. नीरज गुप्ता अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, रूसी सहित नौ भाषाओं पर पकड़ रखती हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि पोप द्वारा गठित इंटेलिजेंस कमेटी में शामिल छह भारतीयों में वे एकमात्र महिला सदस्य हैं। इस समिति में हिंदुइज्म को वैज्ञानिक तरीके से रिप्रेजेंट करना उनकी जिम्मेदारी में है।
यूनिवर्सिटी के अपने भवन के निर्माण को लेकर पत्रिका के सवाल पर डॉ. गुप्ता ने कहा कि पहले से इसकी प्रक्रिया जारी है जल्दी उस पर भी सार्थक निर्णय होगा और भवन का निर्माण शुरू होगा।
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