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ग्रामीणों को नही मिल रहा दीनदयाल चलित अस्पताल लाभ

locationरायसेनPublished: Feb 25, 2020 06:34:38 pm

Submitted by:

praveen shrivastava

कागजी खानापूर्ति कर बनाए जा रहे है लाखों के फर्जी बिल।

ग्रामीणों को नही मिल रहा दीनदयाल चलित अस्पताल लाभ

ग्रामीणों को नही मिल रहा दीनदयाल चलित अस्पताल लाभ

बेगमगंज. सरकार द्वारा ग्रामीण अंचलों में पिछड़े आदिवासी हाट बाजारों में सर्व सुविधायुक्त दीनदयाल चलित अस्पताल योजना संचालित हैं, लेकिन अब यह दीनदयाल चलित वाहन ग्रामीण क्षेत्र में कहीं भी दिखाई नहीं देता है। जबकि शासन द्वारा इस योजना के नाम पर प्रत्येक माह लाखों रूपए की मोटी रकम खर्च की जाती है। इसके बाद भी ग्रामीणों को स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। चलित अस्पताल के कर्मचारी गांवों में जाने के स्थान पर सड़क किनारे सुनसान जगह पर वाहन खड़ा कर समय व्यतीत कर शाम को वापस आ जाते हैं। उक्त वाहन के संबंध में जब विस्तार से पड़ताल की गई तो पता चला कि दीनदयाल चलित अस्पताल वाहन को सरकार एनजीओ के माध्यम से संचालित करा रही है, एक वाहन के संचालन के लिए सरकार प्रत्येक माह एनजीओ को लाखों रुपए का भुगतान करती है। जिसमें उपचार सहित मरीजों को दवाएं एवं जरूरी जांच करना निर्धारित रहता है। एनजीओ संचालक जिला मुख्यालय से मिले रूट चार्ट के अनुसार संबंधित गांव तक चलित अस्पताल तो भेजते हैं, क्योंकि इसमें जीपीएस सिस्टम लगा हुआ होता है। लेकिन ग्रामीणों का उपचार एवं जरूरी दवाएं देना उचित नहीं समझते है। इसलिए गांव की सीमा पर वाहन खड़ा कर सिर्फ औपचारिकता ही पूरी कर रहे हंै।
शासन को लगा रहे चपत
दीनदयाल चलित अस्पताल के नाम पर एनजीओ संचालक शासन को लम्बी चपत लगा रहे हैं और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को फ्लाप करने में लगे हैं।
क्या है दीनदयाल चलित अस्पताल
शासन द्वारा दीनदयाल चलित अस्पताल योजना को लागू किया है, इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र सुदूर आदिवासी अंचलों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। इसमें एक चलित वाहन का निर्माण कराया गया है। जिसमें डॉक्टर, स्टाफ , जरूरी उपकरण तथा दवाएं उपलब्ध हैं। इस वाहन से आदिवासी क्षेत्रों के गांवों तथा हाट बाजारों में सभी वर्गों के लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
डाक्टरों मशीनों से लेस है वाहन
चलित दीनदयाल अस्पताल के लिए एक वाहन पर चार स्टाफ की नियुक्ति की जाना निर्धारित है। इसमें पायलेट, लैब टेक्नीनिशियन, एएनएम, आयुष डाक्टर सहित चार सदस्यों का दल शामिल होगा। एक माह के 24 दिनों में आठ घंटे यह वाहन सीएमएचओ कार्यालय से निर्धारित गांवों में जाकर जांच और बीमारी की पहचान होने पर मौके पर ही उपचार करना है। उक्त वाहन में एक डॉक्टर कक्ष और एक उपचार कक्ष में आधुनिक जांच मशीनें रखी गई हैं।
क्या करते हैं ग्रामीण
बेगमगंज तहसील के ग्राम कोकलपुर निवासी हेमंत गुर्जर का कहना है कि कई माह से अपने आसपास के गांवों यह वाहन नहीं है देखा है, वहीं भैंसबाई निवासी नीरज यादव, ग्राम बारह निवासी वीरेन्द्र सिंह, पिपरिया शाहपुर निवासी माधव यादव ने बताया कि यह वाहन आज हमने गांव में नहीं देख है कि ग्रामीणों का उपचार कर रहा हो।
इनका कहना है
मैं अभी भोपाल में मीटिंग में हूं, अस्पताल पहुंचकर ही कुछ बता पाऊंगी।
विजय लक्ष्मी नागवंशी, ब्लाक मेडीकल आफिसर बेगमगंज
दीनदयाल चलित वाहन हमारे द्वारा संचालित किया जा रहा है। चलित अस्पताल विदिशा-रायसेन लोकसभा क्षेत्र की सात विधानसभाओं में संचालित है। वाहन में जीपीएस सिस्टम है। अभी हमने लापरवाही पर कुछ कर्मचारियों को हटाया है। हम जांच कर लेते है। सरकार से चार माह से भुगतान नहीं हुआ है। हमारी बात भी सरकार तक पहुंचाएं।
राघवेन्द्र द्विवेदी, एनजीओ संचालक भोपाल
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