मृतक के मित्रों ने भोपाल से आकर लगाया संकेतक
25 अप्रेल को डिवाइडर से टकराकर पलटी थी कार, हादसे में हुई थी युवक की मौत।
रायसेन
Updated: May 02, 2022 08:56:20 pm
रायसेन. 25 अप्रेल की रात 11 बजे सागर रोड पर निर्माणाधीन सड़क के डिवाइडर से टकराकर एक कार उछली हुई दूर गिरी थी, जिसमें सवार भोपाल के पांच युवक घायल हुए थे। जिनमें से एक युवक विशाल शिंदे की इलाज के दौरान भोपाल में मौत हो गई थी। विशाल की मौत से दुखी उसके मित्रों और परिजनो ने दो दिन पहले घटना स्थल पर पहुंचकर अपनी ओर से संकेतक बोर्ड लगा दिया, ताकि अब कोई अन्य वाहन यहां दुर्घटना का शिकार न हो। विशाल के मित्रों और परिजनो का यह प्रयास उक्त स्थान पर तो सफल हुआ, बोर्ड लगाने के बाद से वहां कोई हादसा नहीं हुआ, लेकिन सड़क चौड़ीकरण का काम कर रहा ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को कहां किसी की चिंता है। पत्रिका में उक्त घटना की खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग ने डिवाइडर हटवा दिया, लेकिन उस जगह डामर नहीं कराया, जिससे अभी भी दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।
इधर ठेकेदार ने दुर्घटना के नए ठिकाने बना दिए हैं। अब इसी मार्ग पर विवेकानंद कॉलेज के आस-पास खुदाई का काम शुरू किया है, लेकिन यहां भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए, जिससे रविवार रात नौ बजे गैरतगंज से भोपाल जा रही एक कार अंधेरे के कारण लगभग डेढ़ फीट गहरे गड्ढे में उतरकर पलट गई, जिसमें कार सवार एक महिला बुरी तरह घायल हो गई। मौके पर पहुंचे लोगों ने कार सवार लोगों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया।
गैरतगंज से अपनी मां लीलाबाई को लेकर देवेंद्र विश्वकर्मा भोपाल जा रहा था। लेकिन कोई सांकेतिक चिन्ह नहीं लगे होने के कारण उसने कार को जैसे ही साइड में किया तो कार के 2 पहिए नीचे गड्ढे में चले गए। पीछे से आ रहे ट्रेक उनकी कार को टक्कर मारते हुए निकल गया। एक बड़ा हादसा तो टल गया, लेकिन देवेंद्र विश्वकर्मा की मां लीलाबाई को चोटें आईं, कार में भी नुकसान हुआ है।
स्वास्थ मंत्री को रोका
घटना के कुछ ही देर बाद स्वास्थ मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी वहां से गुजरे, लोगों ने मंत्री को रोका और घटना की जानकारी देते हुए ठेकेदार की लापरवाही के बारे में बताया। चौधरी ने फोन कर पीडब्यूडी के अधिकारियों को बताया, लेकिन सोमवार शाम तक ऐसा कुछ नहीं दिखा, जिसे मंत्री के निर्देश का असर कहा जा सके। स्थिति जस की तस थी।
ताकि किसी ओर की जान न जाए
25 अप्रेल की दुर्घटना में मृतक विशाल शिंदे के मित्रों ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि उक्त दुर्घटना अचानक हुई। कार चलाते हुए यह बिल्कुल समझ नहीं आया कि सामने डिवाइडर है। अब किसी ओर की जान न जाए, इसलिए हमने खुद वहां संकेतक बोर्ड लगा दिया है। ताकि वाहन चालक सुरक्षित निकल सकें। विशाल के मित्रों का कहना था कि यह बेहद दुखद है उक्त स्थान पर 40 से अधिक घटनाएं होने के बाद भी जिला प्रशासन और संबंधित विभाग की नहींद नहीं खुली।
इनका कहना है
हमने दुर्घटना वाले डिवाइडर को हटवा दिया है, ठेकेदार को बोर्ड लगाने के लिए बोला था। नहीं लगाए तो फिर बोलेेंगे।
परमजीत सिंह, एसडीओ पीडब्ल्यूडी
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मृतक के मित्रों ने भोपाल से आकर लगाया संकेतक
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