लापरवाही लील गई धरोहर की हरियाली
केंद्रीय मंत्री ने जताई नाराजगी, परिसर में लगी घांस सूखी, पेड़ भी मुरझाए।
रायसेन
Updated: April 18, 2022 10:25:48 pm
रायसेन/सांची. भारत सहित पूरी दुनिया में प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल और विश्व धरोहर सांची की बदहाली जिम्मेदारों की लापरवाही को खुलकर बयां कर रही है। विध्व धरोहर दिवस पर सोमवार को स्तूप पहुंची केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने जब स्तूप परिसर में लगी दूब को देखा तो बेहद नाराजगी जाहिर की। कभी हरियाली से सराबोर रहने वाला स्तूप परिसर आज सूखे जंगल की तरह दिखाई दे रहा है। पूरे परिसर में घांस सूख चुकी है, पेड़, पौध भी मुरझा रहे हैं। स्तूप परिसर का यह हाल बीते तीन माह में हुआ है। स्तूप परिसर को सहेजने में बरती गई लापरवाही की वजह से उजड़े चमन की तरह दिखाई दे रहा है। इसका कारण स्तूप पहाड़ी पर पानी के इंतजाम नहीं होना बताया जा रहा है। कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचीं केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने स्तूपों के इतिहास की प्रशंसा की, लेकिन इसकी बदहाली पर दुख व्यक्त करते हुए मौजूद जिम्मेदार कर्मचारियों पर रोष प्रकट किया।
तीन महीने में चली गई रौनक
तीन महीने पहले तक स्तूप परिसर हरियाली से भरा था। लेकिन इसके बाद से धीरे-धीरे घांस सूख गई। स्तूप के गार्डन विभाग के प्रभारी का कहना है कि पहाड़ी पर पानी की व्यवसिा नहीं है, बोर सूख गए हैं। यह बयान पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे की तरह है। विश्व धरोहर पर पानी के इंतजाम करने के लिए गंभीरता से प्रयास ही नहीं किए गए। गार्डन विभाग के अलावा यह जिम्मेदारी स्तूप प्रभारी की भी है। वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर पानी का इंतजाम किया जा सकता था। जिम्मेदार यह भूल गए कि सांची एक विश्व धरोहर है, यहां सैकड़ों विदेशी पर्यटक आते हैं। गर्मियों में ही पर्यटकों की संख्या बढ़ती है, लेकिन यहां कम हो रही है।
बताया जाता है कि पुरातत्व विभाग ने अपने सभी मॉनूमेंट पर हरियाली के लिए गार्डन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसने अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभाई। अब यह जिम्मेदारी फिर विभाग की मुख्य शाखा को मिल गई है। जो नए सिरे से व्यवस्थाएं बनाएगा। सांची में गार्डन विभाग के प्रभारी पुनीत यादव ने बताया कि परिसर पर पानी की व्यवस्था नहीं है, पानी के लिए जो बोर किए गए थे वह फैल हो गए हैं। बीते 2 माह से पानी नहीं मिलने के कारण यहां की हरी घास एवं पेड़ पौधे सूख रहे हैं।
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लापरवाही लील गई धरोहर की हरियाली
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