पहले दिन पुराने ढर्रे पर खुली पाठशाला
रायसेनPublished: Sep 20, 2021 11:14:30 pm
बच्चे दिखे सतर्क मेडम को नहीं चिंता, स्कूलों में टाट पट्टी तक नहीं।
पहले दिन पुराने ढर्रे पर खुली पाठशाला
रायसेन. सरकार के आदेश पर सोमवार से प्राथमिक स्कूल भी खुल गए। हालांकि पहले दिन बच्चों की उपस्थिति कम रही। कक्षाओं में कहीं पांच तो कहीं दस बच्चे ही नजर आए। कोरोना संक्रमण के चलते डेढ़ साल बाद खुले स्कूलों में संक्रमण को लेकर व्यवस्थाओं में बदलाव की उम्मीद लगाई जा रही थी, लेकिन पहले दिन ही पुराने ढर्रे पर स्कूल खुले। स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए टाटपट्टी तक नहीं थी, जबकि स्कूल खोलने के लिए पहले से ही आदेश हो गए थे। संक्रमण के खतरे को देखते हुए पालकों ने तो अपने बच्चों को पूरी सतर्कता के साथ समझाइश देकर स्कूल भेजा, लेकिन शिक्षक लापरवाह नजर आए। बच्चे मास्क लगाकर कक्षाओं में बैठे थे, लेकिन मेडम बिना मास्क थीं। ये हाल जिला मुख्यालय के स्कूलों के थे।
पहले दिन स्कूलों में उपस्थिति बहुत कम रही। नवीन नरापुरा स्कूल में एक कक्षा में छह बच्चे ही थे, बच्चे मास्क लगाकर बैठे हुए थे। यहां भी मेडल ने मास्क नहीं लगाया था। जबकि बालक प्राथमिक शाला में सभी बच्चे मास्क लगाए हुए थे। इस स्कूल में एक कक्ष में बच्चों को बिठाया गया था, तीन शिक्षिकाओं में से दो बिना मास्क नजर आईं। इस स्कूल में बच्चों को बैठने के लिए टाटपट्टी तक नहीं थी। बच्चे जमीन पर बैठे थे।
औसत 27 प्रतिशत रही उपस्थिति
पहले दिन प्राथमिक स्कूलों में औसत उपस्थिति 27 प्रतिशत रही है। जबकि मिडिल स्कूलों 37 प्रतिशत उपस्थिति रही है। अभी पालकों में भी बच्चों को स्कूल भेजने में संकोच है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का आशंका और उसमें बच्चों को अधिक प्रभावित होने की आशंका के चलते पालक कोई खतरा नहीं उठाना चाहते। हालांकि डेढ़ साल से स्कूल नहीं गए बच्चों को स्कूल भेजने की उत्सुकता है, ताकि पढ़ाई के प्रति बच्चों की पढ़ाई फिर पटरी पर आए।