***** मुन्नी बाई की उमृ लगभग ७० साल हो गई है। मुन्नी बाई बचपन से ही नेत्रहीन है। मां-बाप के गुजर जाने के बाद बहन की जिम्मेदारी भाई धीरू प्रजापति पर आ गई। उसने भी इस जिम्मेदारी को पूरी सिद्दत से निभाया। खुद विवाह नहीं किया, ताकि बहन की सेवा में कोई कमी न रहे।
मुन्नी बाई का कहना है कि भगवान ऐसा भाई सब बहनो को दे। हर जनम में उसे धीरू ही भाई के रूप में मिले। भाई धीरू का कहना है कि भगवान ने उसकी बहन को आंखों में रोशनी नहीं दी। ऐसे में उसकी देखभाल की जिम्मेदारी उसकी थी, जो वो आज तक निभा रहा है।
मुन्नी बाई का कहना है कि भगवान ऐसा भाई सब बहनो को दे। हर जनम में उसे धीरू ही भाई के रूप में मिले। भाई धीरू का कहना है कि भगवान ने उसकी बहन को आंखों में रोशनी नहीं दी। ऐसे में उसकी देखभाल की जिम्मेदारी उसकी थी, जो वो आज तक निभा रहा है।