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टी-7 की जीवटता इतनी की शिकारियों को मात देकर कर रहा जंगल में राज

locationरायसेनPublished: Jul 28, 2021 08:58:46 pm

Submitted by:

praveen shrivastava

शिकारियों के फंदा से एक पैर हुआ था घायल, कुछ दिन सीहोर और रायसेन जिले में बनाया ठिकाना।

टी-7 की जीवटता इतनी की शिकारियों को मात देकर कर रहा जंगल में राज

टी-7 की जीवटता इतनी की शिकारियों को मात देकर कर रहा जंगल में राज

फोटो आरएन 2907-04, केप्शन- आज भी टी-07 कमजोर पैर के सहारे करता है शिकार।
प्रवीण श्रीवास्तव, रायसेन. लगभग डेढ़ साल पहले भोपाल के शिकारियों ने रातापानी अभयारण्य क्षेत्र में फंदा लगाकर बाघ का शिकार करने का प्रयास किया, लेकिन बाघ टी-07 शिकारियों को मात देकर भाग निकला, लेकिन उसके अगले पैर के पंजे में फंदा का वायर फंस गया। जिससे टी-07 का पैर छिल गया, मांस तक निकल गया। किसी तरह उसने तार निकाल दिया और भाग कर सीहोर क्षेत्र के अभयारण्य में रहने लगा। कुछ दिन वहां दिखाई देने के बाद वह अचानक गायब हो गया। वन अमले ने उसे बहुत तलाश किया, लेकिन नहीं नहीं मिला। लगभग एक साल बाद कुद दिन पहले ही रातापानी अभयारण्य रायसेन जिला क्षेत्र के देलाबाड़ी में टी-07 दिखाई दिया। उसे देख वन अधिकारियों की खुशी का ठिकाना नहीं रही। टी-07 जिंदा है और सकुशल है, उसका पैर भी ठीक हो गया है, हालांकि वह कुछ लंगड़ाकर चलता है और इसी पैर से शिकार को अपने कब्जे में भी लेता है। यह कहानी है उस टी-07 बाघ की जिसने अपनी जीवटता से पहले शिकारियों को फिर अपने पैर में लगे घाव को मात दी और आज अभयारण्य में राज कर रहा है।
ेतीन बाघिन सिखा रहीं बच्चों को शिकार
रातापानी अभयारण्य में वर्तमान में नौ शावक हैं। इनमें तीन बाघिन अपने बच्चों को इन दिनों शिकार करना सिखा रही हैं। कठोतिया के पास बाघिन टी-21 अपने तीन बच्चों को शिकार करना सिखा रही है। इसी तरह बरखेड़ा के पास एक बाघिन अपने बच्चों को तथा बिनेका के पास एक बाघिन अपने तीन बच्चों को शिकार के गुर सिखा रही है।
नहीं समझे तो होती है पिटाई
रातापानी एसडीओ प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जंगल में अपने बच्चों को शिकार करना सिखा रही बाघिन पूरी तरह गुरु की भूमिका में रहती है। वह पहले खुद एक-दो जानवरों का शिकार करती है, उस दौरान शावक गौर से देखते हैं। फिर शावक को शिकार के लिए बोलती है, जब शावक शिकार नहीं कर पाते तो अगले पैर के पंजे से उनकी पिटाई भी करती है। इनकी गुर्राहट को समझना तो संभव नहीं, लेकिन जिस तरह से बर्ताव करती है, उससे यही लगता है कि बच्चों को शिकार सिखाने के लिए बाघिन इंसानों की तरह तरीके अपनाती है।
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