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लाखों की वसूली फिर भी नहीं सुधरी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था

locationरायसेनPublished: Oct 01, 2018 11:51:45 pm

शहर सहित जिले भर में टै्रफिक नियमों की अनदेखी कर वाहन चलाने वालों पर यातायात पुलिस द्वारा अक्सर चालानी कार्रवाई की जाती है।

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लाखों की वसूली फिर भी नहीं सुधरी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था

रायसेन. शहर सहित जिले भर में टै्रफिक नियमों की अनदेखी कर वाहन चलाने वालों पर यातायात पुलिस द्वारा अक्सर चालानी कार्रवाई की जाती है। दो पहिया, चार पहिया सहित भारी वाहनों के दस्तावेजों की भी जांच कर उनकी कमियों को देखा जाता है। लाखों की वसूली कर सरकारी खजाने में जमा कराए जाते हैं, लेकिन आम जनता को सुविधा के नाम पर कुछ हासिल नहीं होता। जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में यातायात व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है।
पुलिस की कार्रवाई केवल जांच और जुर्माना लगाने तक सीमित रहती है। जबकि यातायात व्यवस्था में सुधार की ओर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार यातायात पुलिस ने जुलाई से सितंबर माह तक रायसेन शहरी क्षेत्र में ही छोटे-बड़े वाहनों के लगभग ९०० चालान बनाए, इनसे समन शुल्क के रूप में करीब तीन लाख ७० हजार रुपए वसूल कर सरकारी कोष में जमा किए।

हर कदम पर जूझते हैं लोग
शहर में आवागमन के लिए लोग हर कदम पर जूझते नजर आते हैं। सागर तिराहा से पाटनदेव और दूसरी ओर तहसील तक वाहनो का बेतरतीब आवागमन आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। वाहनों की पार्किंग और मनचाही गति पर लगाम नहीं होने से पैदल चलने वाले लोग हमेशा दुर्घटना के अंदेशे में रहते हैं। कई बार दुर्घटनाएं हो भी जाती हैं।
नहीं हैं सिग्रल व्यवस्था
लंबे समय से सागर तिराहा, इंडियन चौराहा जैसे व्यस्त स्थानो पर सिग्रल लगाने की बात चली, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। न तो नगर पालिका और न ही यातायात पुलिस ने इस दिशा में कोई प्रयास किए। लिहाजा शहर में
आवागमन मनमाना होता है।
खास बात ये भी है कि जिले में कहीं भी सिग्रल व्यवस्था नहीं है। जबकि रायसेन सहित, मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, बाड़ी, बरेली, उदयपुरा जैसे बड़े नगर नेशनल हाईवे पर हैं। हाईवे इन शहरों के बीच से होकर गुजरता है। जहां आए दिन बड़ी, छोटी दुर्घटनाएं होती हैं।
प्रदूषण भी बना परेशानी
बताया जा रहा है कि शहर में वाहनों का प्रदूषण जांचने के लिए भी कोई मशीन उपलब्ध नहीं है। हालांकि परिवहन विभाग द्वारा जिले में तीन चलित पीयूसी केन्द्र खोले गए हैं। इनमें से एक केन्द्र आरटीओ कार्यालय में है। लेकिन ये पीयूसी वाहन आरटीओ कार्यालय में ही स्थाई रूप से रहता है। सडक़ पर दौड़ते हुए वाहनों की जांच के समय प्रदूषण जांच करने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है। जिससे शहर में कंडम वाहन बिना रोक-टोक के प्रदूषण फैलाते हुए
दौड़ते नजर आते हैं।
&वरिष्ठ कार्यालय से जितने संसाधन प्राप्त हुए हैं, उनसे ही बेहतर व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जाता है। नियमों की अनदेखी कर वाहन चलाने वालों पर प्रतिदिन चालानी कार्रवाई कर समझाइश भी दी जाती है। शहर में आवागमन की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
दुर्जन सिंह, टै्रफिक प्रभारी रायसेन
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