रेरा लागू होने से अब तक एक भी नए प्लॉट की नहीं हुई रजिस्ट्री, रियल स्टेट
में छाया सन्नाटा, लोगों को मिलेगा फायदा, कॉलोनाइजर नहीं कर सकेंगे
धोखाधड़ी
रायसेन. एक मई से रियल स्टेट मार्केट में रेरा (रियल स्टेट रेग्यूलेटर एक्ट) का नियम लागू हुआ है। जब नियम लागू होने के बाद भी कॉलोनाइजरों ने अपने प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन नहीं कराए तो शासन ने नए प्लॉटों की रजिस्ट्री में रेरा का नया रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य कर दिया है। शासन द्वारा जारी निर्देशों के बाद रजिस्ट्रार कार्यालय से नए प्लॉटों की रजिस्ट्री करना बंद कर दिया दिया गया है। इससे पिछले एक पखवाड़े से जिले में एक भी नए प्लॉटों की रजिस्ट्री नहीं हो सकी है।
दरअसल रेरा अधिनियम में कॉलोनाइजरों के प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं होने से रायसेन जिले में फिलहाल जिन कॉलोनियों में प्लॉटिंग चल रही है, उनकी रजिस्ट्रियां होना बंद हो गई हैं। उप पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक हर महीने लगभग 20 प्रतिशत रजिस्ट्रियां नए प्लॉटों की होती थीं, जो रेरा के कारण बंद हो गई हैं।
एक मई से भले ही चाहे नया नियम रेरा लागू हो गया है, लेकिन नए प्लॉटों की रजिस्ट्रियां फिर भी हो रही थीं। लेकिन शासन ने रजिस्ट्रार कार्यालयों को जिस कॉलोनी में प्लॉट की रजिस्ट्री होना है उसका पंजीयन रेरा एक्ट में होने के बाद ही रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए हैं। रायसेन शहर में रियल स्टेट के करीब आठ से अधिक प्रोजेक्ट संचालित हैं। लेकिन रेरा में किसी भी प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। इसका कारण यह है किकॉलोनाइजरों को वे सभी सुविधाएं देेंनी होंगी। जिसका वह वादा करते हैं।
रेरा(रियल स्टेट रेग्यूलेटर एक्ट) के नियमों के तहत पंजीयन होने के बाद ही प्लॉट बिक सकेंगे। यदि किसी कॉलोनाइजर का रेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं है तो वह बिना रजिस्ट्रेशन के विज्ञापन नहीं कर सकेंगे। जो भी व्यवसायी अब प्रोजेक्ट शुरू करेगा उसका अलग से प्रोजेक्ट एकाउंट में 70 फीसदी पैसा रखना होगा। इस स्थिति में बिल्डर को पांच साल तक प्रोजेक्ट की मरम्मत का जिम्मेदारी भी उठाना पड़ेगी।
इस नियम के लागू होने के बाद सबसे अधिक फायदा प्लॉट, डुप्लेक्स या फ्लैट खरीदने वालों को होगा।क्योंकि कॉलोनाइजर लुभावने ऑफर देकर अपनी कॉलोनियोंं में प्लॉटों का विक्रय कर देते थे। रेरा में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जो कॉलोनाइजर ने ऑफर दिए हैं उनका पालन करना अनिवार्य होगा। अगर कॉलोनाइजर शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उनको पांच साल तक का कैद की प्रावधान इस एक्ट में दिया गया है।
नए प्रोजेक्ट के प्लॉटों या किसी भू-खण्ड की रजिस्ट्री तब ही की जाएगी। जब कॉलोनाइजर के प्रोजेक्ट का रेरा में रजिस्ट्रेशन होगा। फिलहाल किसी कॉलोनाइजरों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराना मुनासिब नहीं समझा है। जबकि अब रेरा के तहत कॉलोनाइजर को रजिस्ट्रेशन कराना शासन ने अनिवार्य कर दिया है। – मुकेश कुमार श्रीवास्तव, जिला पंजीयक रायसेन।