scriptसड़क नहीं बनी, 17 किमी पैदल एनएच-12 तक आते हैं ग्रामीण | Road not built, villagers come to NH-12 on foot 17 km | Patrika News

सड़क नहीं बनी, 17 किमी पैदल एनएच-12 तक आते हैं ग्रामीण

locationरायसेनPublished: Oct 19, 2021 11:53:38 pm

आजादी के बाद से ही सड़क को तरसते आदिवासी ग्राम बोरपानी के लोग

आजादी के बाद से ही सड़क को तरसते आदिवासी ग्राम बोरपानी के लोग,आजादी के बाद से ही सड़क को तरसते आदिवासी ग्राम बोरपानी के लोग

सड़क नहीं बनी, 17 किमी पैदल एनएच-12 तक आते हैं ग्रामीण,सड़क नहीं बनी, 17 किमी पैदल एनएच-12 तक आते हैं ग्रामीण,सड़क नहीं बनी, 17 किमी पैदल एनएच-12 तक आते हैं ग्रामीण,सड़क नहीं बनी, 17 किमी पैदल एनएच-12 तक आते हैं ग्रामीण,सड़क नहीं बनी, 17 किमी पैदल एनएच-12 तक आते हैं ग्रामीण,सड़क नहीं बनी, 17 किमी पैदल एनएच-12 तक आते हैं ग्रामीण

रायसेन. गौहरगंज तहसील के आदिवासी ग्राम बोरपानी के लोग आजादी के बाद से अब तक सड़क के लिए हर द्वार दस्तक दे चुके हैं, लेकिन उन्हें आज तक सड़क नसीब नहीं हुई। अपने गांव से एनएच-१२ बिनेका आने के लिए ग्रामीणों को १७ किमी पैदल चलना पड़ता है, या फिर ट्रैक्टर-ट्रॉली या बैलगाड़ी का सहारा लेना पड़ता है। गांव में कोई बीमार हो जाए, किसी महिला को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाना हो तो फिर उसे खाट पर डालकर चार लोग कांधे पर लेकर हाइवे तक पहुंचते हैं। मगर हैरत की बात ये है कि आजादी के 75 साल बाद भी सड़क के लिए परेशान ग्रामीणों की सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। आजादी के अमृत महोत्सव के बीच गांवों की यह दुर्दशा दुखद है। इस एक सड़क से जुड़े सात गांवों की लगभग दो हजार की आबादी परेशान है।

केवल गर्मियों में ही जब सड़क की कीचड़ सूख जाता है, तब बाइक और साइकिल से आना जाना कर पाते हैं। बारिश शुरू होते ही यहां के लोग बहुत ही जरूरी होने पर ही गांव से बाहर निकलते हैं। हालात ये हैं कि गांव के लड़कों की शादी नहीं हो पा रही है, लड़की वाले आकर देखते हैं और सड़क नहीं होने के कारण शादी के लिए मना कर जाते हैं। इस सड़क के नहीं बनने से ग्राम बोरपानी, लुलका, उमरिया, मोकलबाड़ा, कूकड़ा टोला, गेरुआ टोला, भस्कल टोला के रहवासी परेशान हैं। इन गांवों की आबादी ९९ प्रतिशत आदिवासी है।

यहां अटकी सड़क
जानकारी के अनुसार, बिनेका से बोरपानी तक लगभग १७ किमी की सड़क के निर्माण के लिए सारी औपचारिकताएं, अनुमतियां हो चुकी हैं। राशि भी जारी हो चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री सड़क योजना के दफ्तर में सड़क निर्माण की फाइल अटक गई है। बिनेका से बोरपानी तक १७ किमी की सड़क में १२ किमी का हिस्सा वन विभाग में आता है। वन विभाग से राजस्व विभाग को जमीन मिल चुकी है, बदले में राजस्व विभाग ने वन विभाग को दूसरी जगह जमीन दे दी है। यह सब प्रक्रिया तत्कालीन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने पूरी करा दी थी। सड़क निर्माण के लिए वन्य प्राणी बोर्ड दिल्ली से भी अनुमति मिल चुकी है।

-हमारी जानकारी के अनुसार सड़क निर्माण के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। जमीन की नोहियत भी हो चुकी है। अब सड़क का निर्माण होना है, निर्माण कब शुरू होगा यह पता नहीं है।
-रूमी कादरी, सचिव ग्राम पंचायत बोरपानी
मरम्मत कराएंगे
-यह जानकारी आपसे मिली है। यदि सड़क स्वीकृत हो गई है, बजट भी है तो सड़क का निर्माण क्यों नहीं हुआ इसे दिखवाते हैं। जल्द ही कार्रवाई करेंगे। सड़क बने तब तक के लिए बहुत खराब पेच पर मरम्मत कराएंगे।
-अरविंद कुमार दुबे, कलेक्टर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो