जानकारी के अनुसार जिला आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों के करीब डेढ़ सौ छोटे कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। इस कारण वह वेतन के लिए तरस रहे हैं।इन कर्मचारियों में रसोईया,चौकीदार, माली,वाटरमैन आदि शामिल हैं। महंगाई के इस दौर में वित्तीय आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे अल्प वेतन में इन कर्मचारियों को घर का गुजारा करना बड़ा मुश्किल हो रहा है।
उधर जिला आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक मोहित भारती का कहना है कि बजट की कमी के कारण वेतन भुगतान की समस्या खड़ी हो गई है। जल्द ही बजट आने के बाद उन्हें वेतन भुगतान करवा दिया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले की तहसील उदयपुरा सर्किल के करीब 100 छोटे कर्मचारियों और रायसेन तहसील क्षेत्र के 50 कर्मचारी शामिल हैं। इन छोटे कर्मचारियों को माह मार्च अप्रैल का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। वेतन नहीं मिलने से परेशान इन कर्मचारियों ने कलेक्टर भावना बालिम्वे सहित जिला आदिम जाति कल्याण विभाग के संयोजक मोहित भारती का कहना है कि बजट की कमी के कारण इनके तनख्वाह की समस्या खड़ी हो गई है।
हमने भोपाल के अधिकारियों को पत्र लिखकर मजदूरी बजट की मांग की है। इधर परेशान कर्मचारियों का कहना है कि हमें हर महीने की ५ तारीख को वेतन दिया जाए। समय पर वेतन मिलने से वह अपनी महीने भर की समस्याएं आसानी से हल कर सकेंगे। ऐसी स्थिति में किराना दुकानदार,दूध वाले हमको सामान देना बंद कर देते हैं।
हमने मजदूर बजट की मांग विभागीय कमिश्नर से की है। हमने प्रपोजल भरकर भोपाल भेज दिया है। बजट आने के बाद जल्द ही उनको वेतन दिया जाएगा। इसमें हमारा कोई कसूर नहीं है। एलॉटमेंट के अभाव मेंं यह समस्या खड़ी हो गई है।
– मोहित भारती,जिला संयोजक जिला आदिम जाति एवं कल्याण विभाग रायसेन