एकता परिषद जन संगठन की तीन महिलाओं का चयन
वूमेंस वर्ल्ड समिट फाउण्डेशन ने दुनिया भर में ग्रामीण जीवन में रचनात्मक कार्यों के लिए लगी महिलाओं को पुरस्कार के लिए चुना है। फाउंडेशन ने एकता परिषद जन संगठन की तीन महिला कार्यकर्ताओं को चुना है। इनमें मध्यप्रदेश की सरस्वती उइके रायसेन से, शबनम शाह अशोकनगर से तथा निर्मला कुजूर कोरबा छत्तीसगढ़ शामिल हैं। एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह परमार ने बताया कि वूमेंस वर्ल्ड समिट फाउण्डेशन जिनेवा द्वारा ग्रामीण जीवन में महिलाओं के रचनात्मक कार्य के लिए वर्ष 2020 के पुरस्कार की घोषणा की गई है। जिसमें भारत की चार महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं का नाम हैं। मूलत: बैतूल जिले के गौंड आदिवासी समाज में जन्मी सरस्वती उइके रायसेन जिले में गोंड, भील, भीलाला जनजाति के वनाधिकार और सशक्तिकरण के लिए काम कर रही हैं। गौहरगंज और सिलवानी तहसील के कई गांवों में जन जागरूकता के माध्यम से संगठन निर्माण और भूमि अधिकार को लेकर काम किया है। इनके प्रयास से रायसेन जिले में दर्जनों गांव में सैकड़ों आदिवासी परिवारों को वनभूमि का व्यक्तिगत अधिकार और सामुदायिक अधिकार मिला है।
दिल्ली से अरमेनिया तक की पदयात्रा
एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीश कुमार ने बताया कि सरस्वती उइके परिषद से जुड़ीं तीनों महिलाओं को ग्रामीण जीवन में महिलाओं के सशक्तिकरण के अभियान में नेतृत्व को देखते हुए जय जगत वैश्विक पदयात्रा के लिए चुना गया था। यह यात्रा दिल्ली से लेकर अरमेनिया तक की गई थी।
क्या है वूमंस वर्ल्ड समिट फाउंडेशन
वूमेंस वर्ल्ड समिट फाउण्डेशन का गठन बीजिंग में 1994 में हुए विश्व महिला सम्मेलन के दौरान किया गया था। इस फाउण्डेशन के द्वारा ग्रामीण जीवन में रचनात्मक कार्यो के लिए अब तक दुनिया के 140 देशों के 462 महिलाओं को पुरस्कार दिया गया है। इस पुरस्कार में 1000 डॉलर सहित प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।