रायसेन जिले की कई छोटी-बड़ी नदियां विभिन्न जगहों पर नर्मदा से संगम करती हैं। मौजूदा समय में इनमें से एक नदी में भी पानी नहीं है। हर नदी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करती नजर आ रही है। ये हालात पहली बार नहीं, बल्कि सालों से ऐसे ही बने हुए हैं। बारिश में ही इन नदियों में भरपूर पानी आता है, जो नर्मदा में समा जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे नदियां सूखती हैं और गर्मियों से पहले ही पूरी तरह जल विहीन हो जाती हैं।
ये नदियां मिलती हैं नर्मदा नदी में
बरेली, उदयपुरा और बाड़ी तहसील की सीमाओं से निकली नर्मदा में बरेली तहसील क्षेत्र में कुछ प्रमुख नदियों का नर्मदा में संगम होता है। इनमें खरगोन के पास से निकली इक्यावन नदी और सिलवानी तहसील के सेमरा से निकली तेंदोनी नदी प्रमुख हैं। ये दोनों नदियां पूरी तरह सूखी हैं। इनमें दूर-दूर तक एक बूंद पानी दिखाई नहीं देता।
इक्यावन नदी
खरगोन के पास से निकली इक्यवान नदी उद्गम स्थल अंधियारी झामर के बाद कुपवाड़ा, वघा, सीतापार होते हुए पड़रिया पर सूकर नदी से संगम कर नर्मदा से आठ किमी पहले पूरी सूखी दिखाई हुई है। नदी में बने गड्ढों में जरूर कहीं-कहीं कुछ पानी दिखाई देता है।
तेंदोनी नदी
सिलवानी तहसील के ग्राम सेमरा के पास से निकली तेंदोनी नदी लगभग 60 किमी का सफर कर बगलवाड़ा में नर्मदा से संगम करती है। मौजूदा समय में यह नदी लगभग पूरी तरह सूख चुकी है। गड्ढों में जो पानी बचा है, वह मूंग की फसल की सिंचाई में लग रहा है। अब नर्मदा और तेंदोनी का संगम बारिश में ही होगा।