scriptsawan somvar 2020: एक रात में बना था यह मंदिर, विश्व का सबसे बड़ा एक ही पत्थर से बना है शिवलिंग | sawan somvar 2020: bhojpur shiv temple news | Patrika News

sawan somvar 2020: एक रात में बना था यह मंदिर, विश्व का सबसे बड़ा एक ही पत्थर से बना है शिवलिंग

locationरायसेनPublished: Jul 05, 2020 04:42:52 pm

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

इस मंदिर कि अपनी कई विशेषताएं हैं।

 bhojpur shiv temple news

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रायसेन। भोपाल से 32 किलो मीटर दूर स्तिथ भोजपुर में पहाड़ी पर एक विशाल, अधूरा शिव मंदिर हैं। जिसे भोजेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। भोजपुर तथा इस शिव मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज (1010 ई – 1055 ई ) द्वारा किया गया था। इस मंदिर कि अपनी कई विशेषताएं हैं।

अपनी कई विशेषताएं
पहली विशेषता इसका विशाल शिवलिंग है, जो कि विश्व का एक ही पत्थर से बना सबसे बड़ा शिवलिंग है । सम्पूर्ण शिवलिंग कि लम्बाई 5.5 मीटर (18 फीट ), व्यास 2.3 मीटर (7.5 फीट ), तथा केवल लिंग कि लम्बाई 3.85 मीटर (12 फीट ) है।
भोजेश्वर मंदिर का निर्माण अधूरा क्यों रखा गया इस बात का इतिहास में कोई पुख्ता प्रमाण तो नहीं है, पर ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर एक ही रात में निर्मित होना था परन्तु छत का काम पूरा होने के पहले ही सुबह हो गई, इसलिए काम अधूरा रह गया। मंदिर के 40 फीट ऊचाई वाले इसके चार स्तम्भ हैं।

 

sawan somvar 2020

चट्टानी मैदान में उत्कीर्ण
गर्भगृह की अधूरी बनी छत इन्हीं चार स्तंभों पर टिकी है। इस अधूरे मंदिर के विभिन्न हिस्सों के निर्माण की डिजाईन पास ही विशाल चट्टानी मैदान में उत्कीर्ण हैं। भूविन्यास, सतम्भ, शिखर , कलश और चट्टानों की सतह पर आशुलेख की तरह उत्कीर्ण नहीं किए हुए हैं। भोजेश्वर मंदिर के विस्तृत चबूतरे पर ही मंदिर के अन्य हिस्सों, मंडप, महामंडप तथा अंतराल बनाने की योजना थी। ऐसा मंदिर के निकट के पत्थरों पर बने मंदिर- योजना से संबद्ध नक्शों से पता चलता है।


दो बार लगता है मेला
इस प्रसिद्घ स्थल में वर्ष में दो बार वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है जो मकर संक्रांति व महाशिवरात्रि पर्व के समय होता है। इस धार्मिक उत्सव में भाग लेने के लिए दूर दूर से लोग यहां पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि पर यहां तीन दिवसीय भोजपुर महोत्सव का भी आयोजन किया जाने लगा है।


पार्वती कि गुफा
भोजपुर शिव मंदिर के बिलकुल सामने पश्चमी दिशा में एक गुफा है, यह पार्वती गुफा के नाम से जानी जाती है। इस गुफा में पुरातात्विक महत्तव कि अनेक मूर्तिया हैं।पास ही एक जैन मंदिर भी है। इस मंदिर में भगवन शांतिनाथ कि 6 मीटर ऊंची मूर्ति है। दो अन्य मुर्तिया भगवान पार्शवनाथ व सुपारासनाथ कि हैं। इस मंदिर में लगे एक शिलालेख पर राजा भोज का नाम लिखा है।


श्रावण माह में पहुंचते हैं श्रद्धालु
श्रावण माह में भोजपुर में विराजे भगवान भोजेश्वर के दर्शन और पूजन के लिए हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। सोमवार को तो यहाँ मेला से लगता है। हालांकि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के चलते श्रद्धालुओ के उत्साह पर असर पड़ सकता है।

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