गांव के बच्चे सालों से पेड़ के नीचे ही पढ़ रहे हैं। वर्ष 2010-11 में स्कूल निर्माण के लिए 8 लाख ७ हजार रुपए स्वीकृत हुए थे। निर्माण एजेंसी को 4 लाख 3500 रुपए दे दिए गए, लेकिन मूल्यांकन 2 लाख 81 हजार 97 रुपए का पाया गया। तत्कालीन सरपंच चेतराम आदिवासी, सचिव उमेश मेहरा एक लाख २२ हजार ४०३ रुपए का गबन के आरोपी हैं, जिसका प्रकरण अभी भी लंबित है।
भवन नहीं बन पाया
भवन नहीं होने के कारण हम पेड़ के नीचे ही पढ़ते हैं। हमारे माता-पिता ने शिक्षा विभाग से कई बार इसके लिए आवेदन दिया, पर शाला भवन नहीं बन पाया है।
-सचिन उइके, छात्र
2011 में स्वीकृत स्कूल भवन का निर्माण अभी तक नहीं हो सका है। हमने जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों को भी स्थिति से अवगत कराया है।
-महेंद्र सिंह राजपूत, शिक्षक
भवन नहीं होने के कारण हम पेड़ के नीचे ही पढ़ते हैं। हमारे माता-पिता ने शिक्षा विभाग से कई बार इसके लिए आवेदन दिया, पर शाला भवन नहीं बन पाया है।
-सचिन उइके, छात्र
2011 में स्वीकृत स्कूल भवन का निर्माण अभी तक नहीं हो सका है। हमने जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों को भी स्थिति से अवगत कराया है।
-महेंद्र सिंह राजपूत, शिक्षक
आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है, मैंं दिखवाकर मामले की जांच कराता हूं। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. प्रभुराम चौधरी, स्कूल शिक्षा मंत्री
-डॉ. प्रभुराम चौधरी, स्कूल शिक्षा मंत्री