ये है मामला
जानकारी के अनुसार रायसेन शहर में नगर पालिका के इंजीनियरों द्वारा बारिश से पहले चिन्हित किए जर्जर भवन किसी अनहोनी का कारण बन सकते हैं। नपा पिछले तीन साल से हर साल सिर्फ नोटिस भेजकर मामले की इतिश्री कर रही है।
इस बार भी 13 भवन मालिकों को बीते सप्ताह नोटिस दिए थे। इन्हें सात दिन में जर्जर भवन तोडऩे के निर्देश थे। ऐसा न करने पर नपा द्वारा नोटिस जारी कर कहा गया था कि इन खंडरहनुमा भवनों को तोड़ा जाएगा और इसका खर्च संबंधित भवन मालिक से वसूला जाएगा।
कोई किराएदार जर्जर मकान खाली नहीं करेगा तो मकान मालिक द्वारा लिखित अनुमति दें। ऐसे भवनों नपा खाली करवाकर तुड़वाएगी। गौरतलब है कि नपा ने बारिश से 15 दिन पहले शहर के 18 वार्डों का सर्वे कराया। इसमें तकनीकी टीम ने जर्जर और पुराने भवन देखे।
इस दौरान ऐसे 13 जर्जर भवनों को चिन्हित किया गया था। इनकी सूची तैयार कर संबंधितों को बीते सप्ताह नोटिस भेजे। सभी से एक सप्ताह में जर्जर भवन तोडऩे को कहा गया था। बताया जा रहा हैकि अभी तक किसी ने भी नपा के आदेश का पालन नहीं किया।
जबकि क्षेत्र में लगातार 13.14 दिन से बारिश हो रही है। ऐसे में कभी भी तेज हवा, आंधी और लगातार बारिश में पुरानी भवन धराशायी हो सकते हैं। इससे आस पड़ोस के लोगों की जानमाल को भी खतरा बना हुआ है।
यह है नपा की रणनीति
शहर में किराए से मकान देना कई लोगों ने कमाई का जरिया बना रखा है। वैध कॉलोनियों, पुरानी बस्ती के मोहल्लों में भी ऐसे कई मकान हैं। मकान मालिक स्वयं इनमें नहीं रहते हैं। ऐसे में नपा को संबंधित भवन मालिक की ओर से नोटिस का जवाब नहीं मिल पाता है।
किराएदारों पर नपा सख्ती भी नहीं बरत पाती है। कई मामले ऐसे हैं, जिनमें मकान मालिक व किराएदारों के विवाद के कारण किराएदार भवन खाली नहीं करते हैं। ऐसे लोगों से निपटने के लिए नपा ने अब भवन मालिक से यह लिखित में मांगा है कि वे मकान तुड़वाने को राजी हैं।
लिखकर देने पर नगर पालिका किराएदार से मकान खाली कराकर तोड़ेगी। वहीं इसके लिए मकान मालिकों को तोडफ़ोड़ का खर्च वे देने की सहमति देनी होगी। नपा द्वारा अब ऐसे लोगों से लिखित में अनुमति लेेने की तैयारी में है।
विकल्प नहीं जान जोखिम में डालकर कर रहे कारोबार
शहर में कुछ सालों पुराने मकानों के बगल में दुकानें भी हैं। इसमें नीचे अनाज, तेल की थोक दुकानें हैं। इसका नाम भी नपा की सूची में है, लेकिन यहां दशकों से कारोबार कर रहे दुकानदारों के पास अभी दूसरा विकल्प नहीं है।
इस कारण दुकानदार व ग्राहक हर दिन जान जोखिम में डालकर कारोबार करते हैं। यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। मजबूरी में लोग जान जोखिम में डालकर कारोबार करने के लिए मजबूर हैं।
जिला प्रशासन को भी सूची भेजी
शहर के इन 13 जर्जन मकान मालिकों को नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 के तहत नोटिस जारी कर सूचना दी गई है। नगर पालिका ने इन चिन्हित 13 भवनों की सूची कलेक्टर उमाशंकर भार्गव, एसडीएम एलके खरे, डूडा अधिकारी को भी सूची भेजकर मामले से अवगत करवा दिया है।
शहर में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो नौकरी पेशा होने या धंधे के सिलसिले में दूसरे शहर जा बसे हैं। यहां उनका भवन जर्जर हो चुका है। ऐसे लोगों का पड़ोसियों से पता लेकर नपा ने तीन लोगों को पोस्ट कार्ड के जरिए सूचना भेजी है, ताकि वह समय रहने शहर आकर नपा परिषद से संपर्क कर सकें।
नपा के तकनीकी अमले द्वारा किए गए सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक शहर में 13 भवन जर्जर हालत में मिले, जिन्हें नोटिस दिए गए।
1. वार्ड दो कच्ची मस्जिद के समीप भैया लाल विश्वकर्मा।
2. इमरान खान वार्ड दो रायसेन।
3. हलवाई राजू कुशवाह अथांई मोहल्ला वार्ड तीन, सुभाष जैन वार्ड तीन रायसेन।
4. वार्ड पांच रायसेन निवासी भैरों सिंह भुवनेश्वर कुशवाह।
5. वार्ड पांच हामिद भाई रायसेन।
6. वार्ड पांच रायसेन मुल्लाजी की पुरानी हवेली।
7. वार्ड छह मकबूल भाई का पुराना मकान।
8. वार्ड सात में एडवोकेट पीएन तिवारी का पुराना दो मंजिला मकान।
9. वार्ड सात में बाबू भाई सराफ ा का पुराना मकान।
10. वार्ड सात के शेखचंद का पुराना मकान।
11. वार्ड आठ गंजबाजार में रामबाबू यादव का पुराना मकान।
12. तालाब मोहल्ला वार्ड नौ का इंद्रपाल सिंह सेंगर,
13. धर्मेंंद्र सेंगर का पुराना जर्जर मकान शामिल हैं।
नपा ने 13 जर्जर भवन चिन्हित किए हैं, जिनमें सभी को नोटिस भेज दिए हैं। एसडीएम को भी सूची भेजी है, सात दिन की मोहलत दी गई थी। अब ऐसे मकान मालिकों से अनुमति लिखवाएंगे, जिनके यहां किराएदार रह रहे हैं। इसके बाद नपा उन्हीं से खर्च लेकर तुड़वाएगी, जनधन की हानि न हो। हमने मकान मालिकों को नपा अधिनियम 1961 की धारा 221 के तहत नोटिस देकर अवगत करवा दिया है।
– ओमपाल सिंह भदौरिया, सीएमओ नगर पालिका रायसेन