scriptप्रतिबंध के बाद भी नजर आई सिंगल यूज प्लास्टिक | Single use plastic seen even after the ban | Patrika News

प्रतिबंध के बाद भी नजर आई सिंगल यूज प्लास्टिक

locationरायसेनPublished: Jul 02, 2022 12:35:36 am

दुकानों पर सिंगल यूज प्लास्टिक का बेरोकटोक तरीके से उपयोग होता रहा

दुकानों पर सिंगल यूज प्लास्टिक का बेरोकटोक तरीके से उपयोग होता रहा

प्रतिबंध के बाद भी नजर आई सिंगल यूज प्लास्टिक

बरेली. सरकार ने भले ही एक जुलाई शुक्रवार से सिंगल यूज प्लास्टिक सहित 19 आइटम पर प्रतिबंध लगा दिया है। मगर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी इस आदेश का पालन नहीं करवा रहे। यही वजह है कि प्रतिबंध के पहले दिन एक जुलाई को ही नगर में सब्जी, फल सहित अन्य दुकानों पर सिंगल यूज प्लास्टिक का बेरोकटोक तरीके से उपयोग होता रहा। जिम्मेदारों ने बाजार पहुंचकर यह देखना जरूरी नहीं समझा कि 100 माइक्रोन से कम की मोटाई वाले प्लास्टिक आयटमों सहित सिंगल यूज पॉलिथीन की बाजार में उपलब्धता है या नहीं। सरकार के प्रतिबंध का किस हद तक लोग पालन कर रहे।

सबको समझाइश देकर भूले जिम्मेदार, पहले दिन ही प्रतिबंध दिखा बेअसर
रायसेन. केंद्र सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु मंत्रालय ने एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक सहित सौ माइक्रोन के लगभग 20 प्लास्टिक आयटमों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके लिए एक दिन पहले जिला मुख्यालय पर व्यापारियों की बैठक आयोजित कर समझाइश देने की रस्म अदायगी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं नपा के अधिकारी कर चुके हैं। मगर शुक्रवार को पहले दिन एक जुलाई को प्रतिबंध का असर रायसेन शहर के बाजार में कहीं दिखाई नहीं दिया। सब्जी, फल-फू्रट सहित किराना दुकानों एवं अन्य प्रतिष्ठानों पर सौ माइक्रोन के कम की पॉलिथीन का उपयोग बेरोकटोक होता रहा।

इसकी निगरानी करने के लिए नगर पालिका से कोई भी अधिकारी, कर्मचारी नहीं पहुंचा। ऐसे में दुकानदारों ने भी सरकार के आदेश की परवाह नहीं की और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले प्लास्टिक में सामग्री पैक करके देते रहे। जबकि गुरुवार को नपा के सभाकक्ष में हुई बैठक में अधिकतर व्यापारियों ने अधिकारियों को अपने विचारों से अवगत कराने के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की बात कही थी। मगर प्रतिबंध के पहले दिन ही इसका पालन जिला मुख्यालय पर होता नहीं दिखा।

ये उत्पाद किए बैन
जो उत्पाद बैन किए गए, उनमें प्लास्टिक की डंडियों वाले ईयर बड, बलून स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, लॉलीपॉप की डंडी, आइसक्रीम की डंडी, थर्माकोल के सजावटी सामान, प्लेट्स, कप, गिलास कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पर लगने वाली पन्नी, निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर आदि शामिल हैं। जगह-जगह नालियों में पॉलिथीन ठसी पड़ी रहती है। कचरे में भी प्लास्टिक की थैलियां जमीन के अंदर धंसने के बाद भी नहीं गलती। इस तरह की प्लास्टिक के अंदर जो रसायन होते हैं, उनका मानव के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर काफी बुरा असर पड़ता है। प्लास्टिक की वजह से मिट्टी का कटाव काफी होता है। इसके अंदर का केमिकल जलाशयों में जाता है, जो बेहद खतरनाक हैं।

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