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भूमिपूजन के छह माह बाद रेलवे अंडरब्रिज बनना शुरू

locationरायसेनPublished: Apr 19, 2019 11:34:34 pm

शहर में बहुप्रतिक्षित रेलवे अंडर ब्रिज (सब-वे) का निर्माण कार्य बुधवार से शुरू हो गया

patrika news

Mandi deep. The construction of the much-awaited Railway Under Bridge (Sub-Way) in the city started on Wednesday. In Ward 01 Mahavir Nagar, the Railways had made its Bheemukhujan on September 26, 2018 with the then Minister of State for Culture and Tourism Surendra Patwa. Underground Bridge is being constructed by the Central Western Railway at a cost of around two crore.

मंडीदीप. शहर में बहुप्रतिक्षित रेलवे अंडर ब्रिज (सब-वे) का निर्माण कार्य बुधवार से शुरू हो गया। वार्ड 01 महावीर नगर में रेलवे ने 26 सितम्बर 2018 को तत्कालीन प्रदेश के संस्कृति व पर्यटन राज्यमंत्री सुरेन्द्र पटवा से इसका भूमिपूजन कराया था। मध्य पश्चिम रेलवे द्वारा करीब दो करोड़ की लागत से यहां अंडर ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। स्टेशन रोड पर अंडर ब्रिजबनने से रेलवे लाइन के दूसरी ओर स्थित दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियों के रहवासियों को लाभ मिलेगा।
खासतौर पर पैदल स्कूल जाने वाले बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं को ब्रिज पर चढ़कर पटरी पार नहीं करना पड़ेगी।
मध्य पश्चिम रेलवे के निर्माण विभाग की जानकारी के अनुसार स्टेशन रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज से करीब १५० मीटर आगे भोपाल की ओर अंडर ब्रिज बनाया जा रहा है। अंडर ब्रिज ५ मीटर चौड़ा, करीब ३ मीटर ऊंचा एवं २१ मीटर लम्बा होगा। इसके निर्माण पर करीब २ करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। निर्माण एजेंसी ने बुघवार से रिंग डालने के लिए पटरियों के पास खुदाई का काम शुरू कर दिया है।
एक सप्ताह में रिंग डालने का काम पूरा हो जाएगा। यहां से गुजरने वाली तीन रेलवे लाइनों के नीचे करीब 14 रिंग डाले जाएंगे। रिंग डालने के बाद लोक निर्माण विभाग अंडर ब्रिज के दोनों और मुख्य सड़क तक सड़क बनाने का काम करेगा। इस कार्य में एक माह से ज्यादा का समय लगेगा।
पांच साल की पहल
शहर में रेलवे अंडर ब्रिज की मांग वर्ष २०१४ में उस समय उठी जब नगर के युवा जागरुक नागरिक अमित तिवारी ने जबलपुर उच्च न्यायलय में निर्माणधीन रेलवे ओवर ब्रिज में तकनीकी खामियां बताते हुए एक पीआईएल दायर की। एक माह बाद उच्च न्यायलय में इस पर सुनवाई करते हुए लोक निर्माण सेतू विभाग, रेलवे, जिला प्रशासन को आदेश दिया कि तिवारी के साथ चर्चा कर इस संबंध में उचित निर्णय लें।
न्यायालय के आदेश के 15 दिन बाद रेलवे ने तिवारी को अवगत कराया कि मंडीदीप में अंडर ब्रिज स्वीकृत हो चुका है।
एवं इसके टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। दरअसल रेलवे और लोक निर्माण विभाग द्वारा मंडीदीप में बनाए गए ओवर ब्रिज पर पैदल चलने के लिए फुटपाथ सहित पटरियों के पास ब्रिज पर चढऩे के लिए सीढिय़ों का कोई प्रावधान नहीं है। इसके चलते पैदल यात्रियों, बुजुर्गों, बच्चों सहित दिव्यांगों को रेलवे लाइन पार करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। तिवारी ने इसी को आधार बनाते हुए न्यायालय में पीआईएल दायर की थी।
न्यायलय का आदेश बना नजीर
मंडीदीप में रेलवे ओवर ब्रिज के साथ अंडर ब्रिज बनाने के संबंध में जबलुपर उच्च न्यायलय का आदेश रेलवे के लिए नजीर बन गया और वर्ष 2015 के बाद रेलवे द्वारा ज्यादातर ओवर ब्रिज के निर्माण के साथ अंडर ब्रिज भी स्वीकृत किए हैं। इसमें उदाहरण के तौर पर औबेदुल्लागंज ओवर ब्रिज, बाबडिय़ा ओवर ब्रिज के साथ अंडर ब्रिज भी स्वीकृत है।

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