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इकसठ प्रतिशत पालकों ने आरटीई में किए आवेदन

locationरायसेनPublished: Jul 06, 2022 09:54:16 pm

Submitted by:

Rajesh Yadav

आरटीई के तहत सात हजार बच्चों के लक्ष्य में कुल ४३३६ आवेदन प्राप्त हुए।कोरोना काल के दो वर्ष बाद भी शुरु हुई यह प्रक्रिया भी लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा।जिले के ४९० प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश होंगे।

इकसठ प्रतिशत पालकों ने आरटीई में किए आवेदन

इकसठ प्रतिशत पालकों ने आरटीई में किए आवेदन


रायसेन. शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शैक्षणिक सत्र 2022.23 में प्राइवेट स्कूलों की प्रथम कक्षा में नि:शुल्क प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन 15 जून से प्रारंभ हुए। पहले ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून रखी गई थी। लेकिन सर्वर डाउन रहने और पालकों की रुचि नहीं दिखने के कारण इसे पांच जुलाई तक बढ़ा दिया गया। इन पांच दिनों में भी वही स्थिति रही। तीस जून तक लक्ष्य के मुकाबले आधे से कम ३०११ लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किए थे। फिर जुलाई माह के पांच दिनों में भी
कोई खास प्रगति इस प्रक्रिया में देखने को नहीं मिली। पांच जुलाई को शाम छह बजे चार हजार ३३६ लोगों ने प्रवेश के लिए आवेदन किए। लक्ष्य के अनुसार दो ७२७ आवेदन नहीं मिले। देखा जाए तो आवेदन करने में ही लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो सकी। आवेदन प्रक्रिया के साथ सत्यापन भी किया जा रहा है।
तो लॉटरी पद्धति के दौरान जिले में आरटीई का लक्ष्य पूरा होना संभव नजर नहीं आ रहा। जबकि कोरोना काल से पूर्व के वर्षों में आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावकों में खासा उत्साह देखा जाता था। लेकिन कोरोना काल के बाद वर्ष २०२२ में शुरु हुए शैक्षणिक सत्र में यह दौर थम सा गया।
उल्लेखनीय है कि रायसेन जिले में ४९० प्राइवेट स्कूल संचालित हैं, इनमें वर्ष २०२२-२३ में २३ हजार ३५९ बच्चों के प्रवेश होने का अनुमान है। इस आरटीई के तहत प्रत्येक स्कूल में २५ प्रतिशत गरीब बच्चों के प्रवेश देना अनिर्वाय है। इस लिहाज से सात हजार ६३ बच्चों का न्यूनतम प्रवेश दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। गौरतलब हो कि कोरोना काल के चलते पिछले दो वर्षाे में निजी स्कूलों में आरटीई के अंतर्गत बच्चों के प्रवेश नहीं हो सके थे। इस बार पिछले दो वर्षों का लक्ष्य भी पूरा किया जा रहा।
प्राथमिकता के बाद नहीं दिखाई रुचि
जबकि इस वर्ष शिक्षा विभाग ने कोविड संक्रमण में मृत हुए लोगों के बच्चों को मुख्यमंत्री कोविड.19 बाल कल्याण योजना में ऑनलाइन लॉटरी में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। बाबजूद इसके लोग नि:शुल्क पढ़ाई को लेकर बच्चे सहित उनके पालक तैयार नहीं हो सके। बताया जा रहा है कि इस प्रक्रिया का मैदानी स्तर पर प्रचार-प्रसार नहीं होने से यह स्थिति बनी। ग्रामीण एवं शहरी अंचलों में प्रचार की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल के प्रभारियों और शिक्षकों को दी गई है।
इस वर्ष के लिए यह लक्ष्य रखा गया।
विकासखंड वार प्रवेश का लक्ष्य निर्धारित
ब्लॉक स्कूल कुल प्रवेश आरटीई का लक्ष्य
बाड़ी ८५ ४५७८ ११४१
बेगमगंज ४३ २७८४ ६९६
गैरतगंज २७ १९९४ ४९५
औबेदुल्लागंज १३४ ६९६९ १७२६
सांची ९० ४९९५ १२५०
सिलवानी ४७ ३५८५ ८९६
उदयपुरा ६४ ३४५४ ८५९
——————————————————– कुल योग ४९० २८३५९ ७०६३
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ऑनलाइन आवेदन और सत्यापन की स्थिति
ब्लॉक लक्ष्य प्राप्त आवेदन सत्यापन
बाड़ी. ११४१ ९२७ ७३४
बेगमगंज ६९६ ३९४ ३३१
गैरतगंज ४९५ २९२ २३५
औबेदुल्लागंज १७२६ ८०७ ५९२
सांची १२५० ५२८ ३४०
सिलवानी ८९६ ५८२ ४१७
उदयपुरा ८५९ ८०६ ६४३
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योग ७०६३ ४३३६ ३२९२
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इनका कहना
वर्तमान में अभिभावक और छात्रों का रुझान शासकीय स्कूलों में अध्ययन करने की तरफ अधिक है। प्राइवेट स्कूलों से निकलकर कई बच्चे शासकीय स्कूल में प्रवेश लेते हैं। इसके चलते भी लोगों ने इस प्रक्रिया में थोड़ी कम रुचि दिखाई।
सीबी तिवारी, डीपीसी जिला शिक्षा केन्द्र।
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