मगर तुलाई के लिए टै्रक्टर-ट्रॉली मंडी परिसर तक नहीं पहुंच सकी थी। बताया जा रहा है कि मंडी परिसर में तुलाई के लिए कांटे खाली नहीं है। इसी बीच दोपहर के समय लंच के बाद दोबारा से नीलामी शुरू हो गई और उसी टै्रक्टर-ट्रॉली की उपज नीलामी में १९०० रुपए बोली रही। इससे किसान धन्नालाल, राम सिंह, दौलतराम आदि भड़क उठे और उन्होंने मंडी प्रबंधन एवं व्यापारियों के बीच मिली भगत होने का आरोप लगाया। इस दौरान अन्य किसान भी वहां पहुंच गए और नारेबाजी करते हुए नीलामी का बहिष्कार कर भोपाल रोड पर जाने लगे।
सूचना मिलते ही एसडीएम एलके खरे, एसडीओपी मुकेश चौबे, तहसीलदार सुशील कुमार एवं टीआई जेएस सिद्धू पुलिस बल के साथ पहुंच गए। खेल स्टेडियम के सामने खड़े किसानों से चर्चा कर उन्हें समझाइश दी गई। इसके बाद अधिकारीगण एवं कुछ किसान मंडी कार्यालय पहुंचे, यहां उन्होंने व्यापारियों को बुलाकर चर्चा की। लगभग आधा घंटे की मशक्कत के बाद दोबारा से नीलामी कार्य शुरू हो सका। मगर तब तक शाम पांच बजे चुके थे और नीलामी शुक्रवार तक के लिए टल गई।
नशे में धुत लोगों ने दी गालियां
बताया जा रहा है कि नीलामी के दौरान दशहरा मैदान में खड़े नशे में धुत लोग व्यापारियों से गाली-गलौच करने लगे। इसके बाद व्यापारियों ने भी नीलामी बंद कर दी और मंडी पहुंच गए। गौरतलब है कि नीलामी के दौरान दशहरा मैदान परिसर में न तो सुरक्षा व्यवस्था मंडी प्रबंधन द्वारा की गई। न ही नीलामी की वीडियोग्राफी कराई जा रही, जिससे किसानों, व्यापारियों और नीलामी में लगे मंडी कर्मचारी स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं।
धान की गुणवत्ता के अनुसार व्यापारियों द्वारा उपज के दाम दिए जा रहे हैं। हालांकि पिछले वर्ष से इस बार धान के दाम कम हैं। मगर किसानों को बेहतर सुविधा और दाम देने के प्रयास किए जा रहे। गुरुवार को भाव कम होने की स्थिति में किसानों का व्यापारियों से हल्का विवाद हुआ था, जिसे बातचीत के बाद सुलझा लिया गया है।
करुणेश तिवारी, मंडी सचिव