सोमेश्वर महादेव मंदिर का ताला खोलें
रायसेन में आयोजित हुई शिव महापुराण कथा का समापन तो शनिवार को हो गया, लेकिन इस कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने किला स्थित भगवान सोमेश्वर महादेव के मंदिर का ताला नियमित खोलने की अपील कर राजनीतिक दलों को नींद से जगा दिया। रायसेन के लोग तो पंडित मिश्रा के मुरीद हो गए और इस मुद्दे पर एक मत हैं।
उमा भारती 11 अप्रैल को आएंगी शिव मंदिर
वहीं उमाभारती ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लिया है। उन्होंने फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया पर किला मंदिर और किले के इतिहास को लेकर कई पोस्ट किए हैं। साथ ही 11 अप्रेल को किला पहुंचकर भगवान सोमेश्वर का जलाभिषेक करने की घोषणा भी की है। राजा पूरणमल, रानी रत्नावली और उनके बच्चों का तर्पण करने की बात भी कही है। कई संगठनों ने भी भोपाल में ज्ञापन देकर मंदिर के ताले खोलने की मांग की है। इससे शहर के लोगों में उत्साह है। दूसरी ओर 11 अप्रेल को ही जिले की तहसील गैरतगंज के ग्राम कहुला में जल संसद का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदेश स्तरीय आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान शामिल होंगे। वे वर्चुअल वीडियो कॉफ्रेंङ्क्षसग के माध्यम से जलाभिषेक अभियान के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यो का प्रदेश व्यापी शुभारंभ करेंगे। एक ही दिन में वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री रायसेन जिले में होंगे। एक सरकारी आयोजन है तो दूसरा नितांत निजी आयोजन है। ऐसे में प्रशासन की सांसे फूलना लाजमी है, क्योंकि अभी मंदिर के ताले खोलने का कोई निर्णय नहीं हुआ है। उमाभारती फायर ब्रांड नेता के रूप में जानी जाती हैं, वे कब क्या कदम उठा लें यह कोई नहीं जानता, लिहाजा उनका रायसेन किले पर आना प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम हो गया है।
विभिन्न संगठनों ने उठाई ताला खोलने की मांग
शिव मंदिर को लेकर विभिन्न संगठन और राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं। उमाभारती के बाद विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी मंदिर खोलने की मांग का समर्थन किया। विश्व ङ्क्षहदू परिषद, बजरंग दल, करणी सेना के राष्ट्रीय नेताओं ने भी भोपाल में ज्ञापन देकर मंदिर खोलने की मांग की है। रायसेन ब्लॉक कांग्रेस ने भी मंदिर खोलने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन देकर पंडित मिश्रा की अपील का समर्थन किया है।
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कथा से निपटे अब नई चुनौती
सात दिन तक चली शिव महापुराण कथा का आयोजन सफल रहा। बिना किसी विघ्र और परेशानी के यह शहर का अब तक सबसे बड़ा आयोजन संपन्न हो गया। अब प्रशासन के सामने मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को भी बिना किसी समस्या के सफलता पूर्वक संपन्न कराने की चुनौती है। हालांकि स्थिति बहुत पशोपेश वाली है। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम तो हो जाएगा, लेकिन किला मंदिर में विराजे महादेव का अभिषेक कैसे होगा, अभी तक मंदिर के ताले खोलने के मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।