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अब कोर्स के लिए शिक्षकों को देंगे विशेष ट्रेनिंग

locationरायसेनPublished: May 21, 2018 11:20:31 am

रायसेन. स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश पर डाइट भवन में मास्टर ट्रेनर शिक्षकों और अध्यापकों को विशेष ट्रेनिंग देकर नए पैटर्न पर पढ़ाई के टिप्स देंगे।

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रायसेन. सरकारी स्कूलों के शिक्षक और अध्यापक अब पुराने तरीके से छात्रों को नहीं पढ़ा पाएंगे। नए शिक्षा सत्र में छात्रों के साथ शिक्षकों को भी पुराने पढ़ाई के पैटर्न में बदलाव करते हुए नए पैटर्न की प्रोजेक्ट वर्क की पढ़ाई पर फोकस करना होगा।
स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश पर डाइट भवन में मास्टर ट्रेनर शिक्षकों और अध्यापकों को विशेष ट्रेनिंग देकर नए पैटर्न पर पढ़ाई के टिप्स देंगे। फिलहाल रायसेन जिले के दो शिक्षकों को भोपाल राज्य शिक्षा केंद्र भेजा गया है। यह शिक्षक २२ से २६ मई तक ट्रेनिंग लेंगे। इसके बाद जिलेभर के सभी शिक्षक, अध्यापकों की विशेष जून महीने के पहले सप्ताह में प्रशिक्षित करेंगे।
डाइट के प्रभारी एके सिंह ने बताया कि इस विशेष ट्रेनिंग की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अब नई तकनीक के तहत पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए संभाग के १०वीं कक्षा में विज्ञान और गणित पढ़ाने वालों को विशेष ट्रेनिंग दी जाना तय किया गया है। दरअसल एक समान शिक्षा नीति लागू करने की कवायद के लिए जिला शिक्षा विभाग ने नए शिक्षा सत्र २०१८-१९ में गणित व विज्ञान विषय के कोर्स में स्टेट बोर्ड के कुछ टॉपिक को जोड़ा गया है। ताकि वे छात्र-छात्राओं को उस विषय में अच्छे से जानकारी दे सकें।
ऐसा होगा कोर्स
पिछले साल ९वीं और ११वीं के कोर्स में बदलाव किया गया था। इस साल १०वीं के कोर्स में बदलाव किया गया है। जिसकी ट्रेनिंग भी मास्टर ट्रेनरों को दी जा रही है। यह ट्रेनिंग पांच दिन की होती है। जिसमें १० मास्टर ट्रेनरों द्वारा सुबह ९ से शाम ५ बजे तक दी जाएगी। जिसमें ६ बैच बनाए जाएंगे। कोर्स डायरेक्टर एवं डाइट प्रभारी एके सिंह ने बताया कि एनसीआरटी और सीबीएसई कैटेगरी में आ गया है। जिसमें १०वीं के गणित विषय के कुछ टॉपिक भी बदल गए हैं।
डोनर नहीं मिला तो खुद सीएमएचओ ने दिया खून
रायसेन. कहते हैं डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है। जिंदगी व मौत से लड़ते मरीजोंं की जान बचाकर वह अपने कर्तव्यों को पूरा करते हैं। करमोदिया तहसील रायसेन निवासी सौरम बाई को प्रसव पीड़ा होने पर सीएमएचओ डॉ. शशि ठाकुर और मेडिकल ऑफीसर डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. एमएल अहिरवार द्वारा जिला अस्पताल में ऑपरेशन किया गया।तभी अचानक बच्चा दानी फट जाने से गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। प्रसूता की भी जान पर बन आई। उस समय प्रसूता सौरम बाई का ब्लड प्रेशर ७० था।
उसके शरीर में खून की बेहद कमी हो गई। तब प्रसूता सौरम बाई की जान बचाने के लिए डॉक्टरों की टीम सतत् रूप से लगी रही। जब इस ग्रुप का कोई रक्त दाता नहीं मिला तो सीएमएचओ डॉ. शशि ठाकुर ने खुद अपना रक्तदान कर उस प्रसूता सौरम बाई की जान बचाई। इस तरह प्रसूता सौरम बाई की जान बचाकर यह साबित कर दिया है कि डॉक्टर ही मरीज के लिए भगवान होता है।

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