scriptजनसंख्या बढऩे की रफ्तार तो घटी पर नगर में बढ़ी कई नई समस्याएं | Speed of increasing population decreased but many new problems in the | Patrika News

जनसंख्या बढऩे की रफ्तार तो घटी पर नगर में बढ़ी कई नई समस्याएं

locationरायसेनPublished: Jul 10, 2020 11:56:40 pm

रायसेन जिले के वर्ष 2001 की तुलना में 2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि आबादी बढऩे के आंकड़ों में कमी आई है

जनसंख्या बढऩे की रफ्तार तो घटी पर नगर में बढ़ी कई नई समस्याएं

जनसंख्या बढऩे की रफ्तार तो घटी पर नगर में बढ़ी कई नई समस्याएं

रायसेन. जिले में आबादी बढऩे की रफ्तार भले ही बीते कुछ सालों में कम हुई हो लेकिन, इससे पैदा होने वाली समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। आज विश्व जनसंख्या दिवस पर यह समझना जरूरी है कि आबादी की बढ़ती रफ्तार किस तरह आम जनजीवन को प्रभावित करती है। रायसेन जिले के वर्ष 2001 की तुलना में 2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि आबादी बढऩे के आंकड़ों में कमी आई है। मगर इससे समस्याएं कम नहीं हुई हैं। खेती का रकबा घटा और वाहनों की संख्या बढ़ी, ये दोनों ही बिंदु आमजन के लिए बड़ी समस्या का कारण हैं।
वर्ष 1001 में जहां जिले की आबादी 11 लाख 25 हजार 154 थी, वहीं 2011 में जिले की आबादी बढ़कर 13 लाख 31 हजार 597 हो गई थी। 2001 में आबादी बढऩे का प्रतिशत 24.4 था तो 2011 में यह घटकर 18.35 हो गया था, जबकि इस दौरान जिले में खेती का रकबा कम होता चला गया।
वर्ष 2011 में जहां खेती का रकबा लगभग 4 लाख 45 हजार हेक्टेयर था, वहीं वर्ष 2020 में यह घटकर 4 लाख 34 हजार हेक्टेयर बचा है। जाहिर है बढ़ती जनसंख्या के साथ बढ़ते परिवारों के लिए आवासों की जरूरतों को पूरा करने बड़ी बड़ी कॉलोनियों ने खेतों में आकर लिया है। इससे जिले की उत्पादन क्षमता पर असर पडऩा स्वाभाविक है।
बढ़ते वाहन समस्या
जनसंख्या बढऩे के साथ शहरों में वाहनों की संख्या भी हर साल बढ़ती चली गई है। बीते 10 सालों की ही स्थिति देखें तो वर्ष 2011 में जहां जिले में दुपहिया वाहनों की संख्या लगभग 40 हजार के आसपास थी वह आज वर्ष 2020 में बढ़कर एक लाख के ऊपर पहुंच गई है। इसी तरह चार पहिया वाहनों की संख्या भी बढ़ी है। इसका असर यह है की सड़कों पर हादसे बढ़ गए हैं, जिसमें हर माह औसतन 10 लोगों की मौतें भी हो रही है।
इसके अलावा इन वाहनों को खड़ा करने के लिए शहरों में जगह की कमी पडऩे लगी है। रायसेन मुख्यालय पर ही सारे दिन सड़कों के किनारे खड़े वाहन परेशानी और हादसों का कारण बनते हैं। जनसंख्या वृद्धि के साथ ही सड़कों पर आवागमन मुश्किल होने लगा है। जनसंख्या के मान से संसाधन इंडस्ट्रीज क्षेत्र आदि न बढऩे से बेरोजगारी बढ़ रही है। यात्री वाहन, लोडिंग वाहन व कृषि उपयोगी वाहनों की संख्या बढ़ी पर शहर के अंदरूनी क्षेत्रों में सड़कों का आकार नहीं बढ़ पाया।

जनसंख्या की बाढ़ रोकने करोड़ों का खर्च
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए हर वर्ष परिवार नियोजन पर लगभग एक करोड़ से अधिक राशि खर्च करता आया है। सीएमएचओ डॉ. शशि ठाकुर का कहना है कि इस कार्यक्रम के तहत परिवार नियोजन के अस्थायी एवं स्थायी साधन अपनाने के लिए घर-घर संपर्क किया जाता है। लोगों में परिवार नियोजन के प्रति रुझान बढ़ा भी है।

कॉलोनियों की बाढ़
शहर अब कई किलोमीटर क्षेत्र में विस्तार ले रहा है, इसमें भविष्य की समस्याओं को अनदेखा कर विकास योजनाओं को देखते हुए व्यवस्थित विकास नहीं हो पा रहा है। दस साल पहले रायसेन शहर में मात्र 8-10 कॉलोनियां थीं, लेकिन अब इनकी संख्या 58 तक पहुंच गई है। इसके पीछे जनसंख्या बढऩा ही मुख्य कारण है। कभी नगर से लगे खेत आज बड़ी-बड़ी कॉलोनियों में तब्दील हो गए हैं। हालांकि यह शहर की जरूरत है पर इसमें संसाधनों का जरूरत
के मुताबिक विकास नहीं हो पाया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो