अमले ने पशुओं को सड़कों से खदेड़ा
सोमवार को कलेक्टर के आदेश का असर यह हुआ कि नपा सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया खुद कर्मचारियों के साथ डंडे लेकर सड़क पर उतरे, पशुओं को सड़क से खदेड़ा, दिन में कई बार नपा के अमले ने पशुओं को सड़कों से खदेड़ा।
इधर ऐसे बने रहे हालात
कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने नपा के मुख्य अधिकारी से लेकर नपा अमला पशुओं को हांकते नजर आए, लेकिन बाद में वीआईपी कॉलोनी से लेकर एसपी ऑफिस के सामने, पक्की पुलिया, जलसंसाधन विभाग के सामने, कलेक्टर बंगले के सामने, कच्ची पुलिया अस्पताल भवन के सामने सागर भोपाल तिराहे पर बड़ी संख्या में पशु जमा हो गए। हालात ये थे नपा अमला एक सड़क से पशुओं को भगाता तो दूसरी सड़क पर पशु जमा हो जाते।
हर दिन हो रही घटनाएं
सड़कों पर पशुओं के जमा रहने से जिले में हर दिन घटनाएं हो रही हैं। तीन दिन पहले दो जगह सड़क पर बैठे पशुओं को बचाने के चक्कर में चार लोगों की मौत हो गई थी।
समस्या जस की तस बनी
सिलवानी में निकल रहे स्टेट हाईवे 44 उदयपुरा मार्ग और स्टेट हाईवे 15 बरेली रोड सहित विभिन्न मार्गों पर इन दिनों 24 घंटे आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे प्रतिदिन राहगीर सहित वाहन चालक हादसों का शिकार हो रहे। जबकि इस संबंध में कई बार जागरूक नागरिकों द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करवाया गया। इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी है।
मवेशियों का जमावड़ा
वहीं मंदिर जाने वाली महिलाओं को देखकर पशु उनकी और तेजी से लपकते हैं। इस कारण महिलाएं अधिक हादसों का शिकार हो रही। हालांकि इस समस्या से आमजन ही नहीं जनप्रतिनिधि भी परेशान है। इसके बाद भी ठोस नहीं निकाला जा रहा। आवारा मवेशियों का जमावड़ा नगर की हर सड़क और गांव के चौराहों पर लग रहा। सिलवानी तहसील के अंतर्गत 67 ग्राम पंचायत आती है और इनमें लगभग 250 गांव शामिल हैं। इन गांव में शासन की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार लगभग 35 हजार गाय 20 हजार भैंसे 15 हजार गायों के बछड़े हैं।
10 वर्षों में सड़कों पर बैठे आवारा
इसमें से 45 हजार से भी ज्यादा आवारा पशु सड़कों पर घूम रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 10 वर्षों में सड़कों पर बैठे आवारा मवेशियों से 700 से जादा सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें करीब 350 से ज्यादा लोग घायल हुए और 15 से ज्यादा लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौतें हो चुकी। इसके अलावा पिछले दस सालों में लगभग पांच हजार गायों की सड़क दुर्घटना मेें मौत हो चुकी।
पशुपालकों की गलती से हो रही दुर्घटनाएं
फिर भी पशु पालकों और प्रशासन द्वारा इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। किसानों द्वारा दुधारू गायों को पाला तो जाता है। जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाता है, जिससे आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही और इसका खामियाजा राहगीरों को उठाना पड़ता है।