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टीचर के जज्बे को सलाम, बैलगाड़ी से स्कूल पहुंचाई किताबें

locationरायसेनPublished: Jul 14, 2020 04:34:05 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

कोरोना संक्रमण (corona virus) के चलते मध्यप्रदेश (madhya peadesh) के सभी स्कूल (school) बंद हैं, लेकिन एक शिक्षक (teacher) ऐसे हैं जो बच्चों (students) के भविष्य की चिंता कर इस कोरोना काल में भी लगातार काम में जुटे हुए हैं।

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रायसेन. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते प्रदेश के सभी स्कूल बंद हैं। बीते कुछ महीनों से पढ़ाई और पूरी व्यवस्था ठप्प पड़ी है लेकिन इसके बावजूद एक शिक्षक ऐसे हैं जो स्कूल बंद होने के बावजूद बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए कोरोना काल में भी काम में जुटे हुए हैं। रायसेन जिले के इस शिक्षक के जज्बे को सलाम है।

 

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शिक्षक के जज्बे को सलाम
कोरोना काल में भी बच्चों के भविष्य की चिंता करने वाले शिक्षक का नाम नीरज सक्सेना है। नीरज सक्सेना रायसेन जिले के भोजपुर इलाके के सालेगढ़ गांव में प्रथामिक शाला में पदस्थ हैं। जो स्कूल खुलने से पहले ही काम में जुट गए हैं और बच्चों के भविष्य की चिंता उन्हें सताने लगी है। टीचर नीरज सक्सेना की लगन को इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने सरकार की तरफ से स्कूल भेजी जाने वाली किताबों को स्कूल खुलने से पहले ही स्कूल पहुंचा दिया है। कोई साधन न होने के कारण खुद शिक्षक नीरज बैलगाड़ी पर किताबें लादकर स्कूल पहुंचे। शिक्षक नीरज ने रायसेन जिले के ईंटखेड़ी संकुल केन्द्र से सरकारी किताबें बैलगाड़ी पर लादीं और 5 किलोमीटर दूर सालेगढ़ शाला तक पहु्ंचाईं।

 

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गांव पहुंचने के लिए नहीं है सड़क
बैलगाड़ी से किताबों को स्कूल तक ले जाने के पीछे का कारण बताते हुए शिक्षक नीरज ने बताया कि गांव तक जाने के लिए पक्का रास्ता नहीं है। बारिश के मौसम में कच्चा रास्ता भी काफी खराब हो जाता है और कोई वाहन वहां से नहीं गुजर पाता इसलिए उन्होंने बैलगाड़ी के जरिए किताबों को स्कूल तक पहुंचाया। शिक्षक नीरज ने आगे बताया कि कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई का पहले ही काफी नुकसान हो चुका है। ऐसे में अब जब भी स्कूल खुलेंगे तो बच्चों को तुरंत किताबें मिल जाएं और पढ़ाई शुरु हो जाए इसलिए उन्होंने पहले ही स्कूल तक किताबों को पहुंचा दिया है।

 

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टीचर ने स्कूल की बदली ‘सूरत’

शिक्षक नीरज की लगन और जज्बे ने स्कूल की तस्वीर भी पूरी तरह से बदल दी है।शासकीय स्कूल को प्राइवेट स्कूल से भी अच्छा स्कूल बना दिया है। स्कूल के आस-पास पेड़ पौधे लगाए गए हैं । बच्चों की जानकारी के लिए कई पेड़ों में तख्तियां लगाई गई हैं जिन में कई जानकारी लिखी गई है चारो ओर पेड़ पौधे लगाए गए है शिक्षक नीरज श्रीवास्तव ने कहा राज्य शिक्षा केंद्र संचालक लोकेश जाटव को को हम यहां एक बार जरूर बुलाना चाहते हैं क्योंकि उनकी प्रशंसा से ही में उत्साहित हुआ जिस से यहां के बच्चे को ओर अच्छी पढ़ाई मिलने लगी कीचड़ भरे रास्ते से सफर करते हुए वारिश में भी शिक्षक प्रतिदिन स्कूल पहुच कर बच्चो को पढ़ाते है ।शिक्षक नीरज श्रीवास्तव की पूर्व रायसेन कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने अच्छी पढ़ाई और एवं व्यवस्थाओं को लेकर काफी तारीफ की थी ।

 

15 साल से बीजेपी के विधायक फिर भी नहीं बनी सड़क

आजादी के इतने साल बाद भी गांव तक सड़क मार्ग का न बन पाना एक गंभीर विषय है। रायसेन की भोजपुर विधानसभा पर बीते 15 साल से बीजेपी का कब्जा है। सुरेन्द्र पटवा भोजपुर से विधायक हैं। फिर भी गांव तक सड़क नहीं बन पाई है।

 

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