रायसेन. जिला मुख्यालय के नजदीक ही ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों और आंगनबाडिय़ों में बदहाली है। ग्राम पैमत, वनगवां तथा अल्ली के स्कूल, आंगनबाडिय़ों का कलेक्टर भावना वालिम्बे ने बुधवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई चौकाने वाली जानकारी सामने आई। कहीं मध्याह्न भोजन का वितरण ही नहीं हो रहा है तो कहीं बच्चों की उपस्थित 10 फीसदी भी नहीं मिली। कलेक्टर ने उपस्थित ग्रामवासियों से कहा कि सरकार के साथ-साथ उन्हें भी आंगनबाड़ी, स्कूलों में बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति तथा मध्याह्न भोजन की नियमित मॉनीटरिंग करना चाहिए, ताकि व्यवस्था में सुधार लाया जा सके। ग्राम अल्ली में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि पिछले पांच दिनों से खाना ही नहीं मिला है और जब भी मिलता है, तो उपस्थित बच्चों के मान से बहुत कम आता है। इस आंगनबाड़ी केन्द्र के सुल्ताना और साबिस्ता सहित अन्य बच्चों ने बताया कि हमें तो कभी नाश्ता मिला ही नहीं है। आंगनबाड़ी में 100 से अधिक बच्चे हैं। वालिम्बे ने इसे गंभीरता से लेते हुए महिला बाल विकास अधिकारी को मध्याह्न भोजन बनाने और वितरण करने वाले समूह तथा सुपरवाइजर एवं अन्य संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। दस फीसदी भी नहीं मिले बच्चे ग्राम अल्ली के हाईस्कूल के निरीक्षण पर पता चला कि इस स्कूल में 300 से अधिक बच्चे दर्ज हैं, लेकिन उपस्थिति 10 फीसदी से अधिक नहीं थी। कलेक्टर ने पूछा तो शिक्षकों ने कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया। शिक्षकों की उपस्थिति पंजी का निरीक्षण करने के दौरान शिक्षिका रानू जैन अनुपस्थित मिलीं। ग्राम अल्ली के हाईस्कूल में विद्यार्थियों की उपस्थिति बेहद कम थी। ग्राम पैमत के स्कूल में 90 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति मिली। कलेक्टर वालिम्बे ने कक्षा 10वीं के छात्र.छात्राओं से पढ़ाई के संबंध में बात की। पैमत के आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ता ऊषा ने बताया कि यहां समूह द्वारा कभी नाश्ता नहीं दिया जाता है और आज भोजन भी नहीं मिला है। इस आंगनबाड़ी में 50 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन 25 बच्चों का ही भोजन आता है।