इसके बाद किसान पैदल मार्च करते हुए रेल रोकने रेलवे स्टेशन की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें मंडी गेट के बाहर ही रोक लिया। इस बीच किसानों ने काफी देर तक नारेबाजी की और उनकी अधिकारियों के साथ बहस होती रही। किसान मोर्चा के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर वाहन से थाने ले जाया गया। जहां 46 किसानों पर धारा 151 की कार्रवाई कर थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया। किसान जागृति संगठन प्रमुख इरफान जाफरी ने कहा कि सत्ता में बैठी सरकार अहंकारी है जो सिर्फ तानाशाही करने पर उतारू है। इसी का उदाहरण लखीमपुर खीरी में केन्द्रीय मंत्री के बेटे द्वारा किसानों का नरसंहार किया गया।
उन्होंने कहा कि तीनों कृषि काले कानून किसान हित व देश हित में नहीं हैं, हम इन्हें वापस करा कर ही दम लेंगे। आंदोलन के दौरान संगठन प्रमुख इरफान जाफरी, प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र राय, संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य बादल सरोज, आनंद प्रताप सिंह, मोहर सिंह रघुवंशी, तुलसीराम, पीएल वर्मा, जिलाध्यक्ष रंजीत यादव, कोषाध्यक्ष नारायण सिंह राजपूत, तहसील अध्यक्ष ब्रजेश बघेल, महासचिव रामवरुप राठौर, बब्लू पठान, रईस खान, जाहिद खान, जरीफ खान, जहीर भाई, सुरेश मीना, जाहिद खान शाहपुर, बशीरुद्दीन खान, ओमकार यादव आदि मौजूद रहे।
गांव-गांव घुमाएंगे अस्थि कलश
संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य बादल सरोज ने कहा कि पुलिस लखीमपुर खीरी में किसानों का नरसंहार करने वाले आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्त करना चाहिए। किसान संगठनों ने निर्णय लिया है कि नरसंहार में मारे गए शहीदों के अस्थि कलश पूरे देश के गांव-गांव घुमाए जाएंगे तथा केन्द्र सरकार पर दबाव डालने के लिए पूरे देश में रेल रोको या जहां रेलवे लाइन नहीं है वहां केन्द्रीय कार्यालयों का घेराव करने की योजना बनाई गई है।
-इरफान जाफरी, किसान जागृति संगठन
जमानत पर रिहा कर दिया गया है
-रेल रोको आंदोलन के तहत रेल रोकने जा रहे 46 किसानों पर धारा 151 की कार्रवाई कर गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी उपरांत थाने से ही सभी किसानों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
-देवेन्द्र पाल सिंह, थाना प्रभारी सलामतपुर