रायसेन

इस जिले में आयकर विभाग की कार्रवाई सुस्त

महीनों से लाखों का कारोबार करने वाले व्यापारी कर रहे टैक्स की चोरी, जीएसटी का असर नहीं….

रायसेनDec 02, 2018 / 12:52 pm

Amit Mishra

इस जिले में आयकर विभाग की कार्रवाई सुस्त

रायसेन। शहर सहित जिले भर में हर माह लाखों-करोड़ोंं का कारोबार होता है, लेकिन व्यापारी आयकर, वाणिज्य कर की चोरी धड़ल्ले से कर रहे हैं। कई ऐेसे बड़े प्रतिष्ठान हैं जिनका सालाना लाखों रुपयों का टर्न ओवर होता है, किन्तु व्यवसायी ग्राहकों को पक्के बिल नहीं देते। सरकार द्वारा उठाए गए नोटबंदी के कदम का असर रायसेन जिले में कहीं होता दिखाई नहीं दे रहा है।


चोरी करने में लगे हुए व्यापारी….
कई ऐसे व्यवसायी हैं जो अपना कारोबार छिपाकर रखते हैं। ऐसे व्यवसायियों का ज्यादातर स्टॉक व माल गोदामों में छिपा कर रखा होता है। हार्डवेयर, लोहा, सरिया सीमेंट, रेडीमेड कपड़ा, साड़ी हाउस, मशीनरी, स्टोर, शराब माफिया कारोबारी, अनाज कारोबार, थोक माल बेचने वाले कारोबारी, वाहन शोरूम, सोना चांदी आदि का लंबा कारोबार करने वाले व्यापारी कर चोरी करने में लगे हुए हैं।

 

जांच नहीं हो सकी…
पिछले कुछ सालों से देखा जाए तो चंद मामलों को छोड़ कर विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। नोटबंदी के बाद आयकर विभाग द्वारा जिले में 351 व्यापारियों सहित धनाढ्यों की सूची बनाकर जांच की बात कही गई थी, लेकिन इनमें से किसकी जांच हुई, आज तक पता नहीं चल सका।


सख्त नहीं हो पा रही विभागीय कार्रवाई
शहर समेत जिलेभर के व्यवसायी आयकर चोरी करने पर विभागीय कार्रवाई सख्त नहीं हो पा रही है। लगभग आठ-दस माह पहले औबेदुल्लागंज में एक शराब ठेकेदार के यहां पर आयकर विभाग ने कार्रवाई कर आयकर की चोरी पकड़ी थी। लेकिन कितनी चोरी पकड़ी गई, विभाग के अधिकारी आज तक नहीं बता पाए।

 

फेसलेस व नेमलेस नाम की योजना…
आयकर चोरी को लेकर जब विभाग द्वारा ई-छापेमारी योजना बनाई गई है, जिसके तहत सरकार ने फेसलेस व नेमलेस जांच कराने की योजना तैयार की है। इसमें आयकर चोरी करने वाले का नाम पता गोपनीय रहेगा।

 

पहले कर चोरी करने वाले को पकडऩे इलेक्ट्रानिक सिस्टम व अन्य माध्यमों का प्रयोग होता था, जिससे विभाग के अधिकारियों की टीम छापेमार सर्च व सर्वे करती थी। इससे आयकर चोरी करने वालों का नाम सामने आ जाता था। सरकार ने अब ई-छापेमारी कार्रवाई की व्यवस्था की है। सरकार ने आयकरदाता के लिए फेसलेस और नेमलेस ई-असेसमेंट जांच की व्यवस्था प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।

 

विभागीय अधिकारी मौन ….
आयकर के रूप में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन से हर साल औपचारिक रूप से कटौती तो हो जाती है, लेकिन ऊपरी कमाई से जमा की गई अकूत संपत्ति पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। आखिर क्या वजह है कि आयकर अधिकारी इस मामले में खामोश बने रहते हैं।

विभाग का सुस्त रवैया…
विभाग के सुस्त रवैए के चलते जिले में ऐसे अधिकारी कर्मचारी हैं जो खुद को सुरक्षित माने हुए हैं। हालांकि इस मामले में लोकायुक्त की कार्रवाई होती रहती है। इसके अलावा जिला मुख्यालय के सागर रोड महाराणा प्रताप नगर कॉलोनी स्थित आयकर विभाग के अधिकारी से लेकर ज्यादातर विभागीय अमला राजधानी भोपाल, विदिशा से अपडाउन करता है।

समय-समय पर विभाग की टीम कर की चोरी करने वालों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई भी करती है। ऐसे टैक्स दाताओं को विभाग पहले नोटिस भेजता है, ताकि वह समय पर आयकर रिटर्न आसानी से जमा करा सकें। इसकेे बाद भी टैक्स जमा नहीं किया जाता, तो सख्त कार्रवाई कर वसूली की जाती है।
केपी सरकार, जिला आयकर अधिकारी रायसेन।

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