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मंदिरों में ताले तो घर की बेटियों को देवी का रूप देकर किया पूजन

locationरायसेनPublished: Apr 03, 2020 12:20:25 am

लॉकडाउन के चलते पहली बार रामनवमीं पर शहर सहित जिलेभर में कोई आयोजन नहीं हुआ

मंदिरों में ताले तो घर की बेटियों को देवी का रूप देकर किया पूजन

मंदिरों में ताले तो घर की बेटियों को देवी का रूप देकर किया पूजन

रायसेन. चैत्र नवरात्रि महोत्सव का समापन और भगवान राम का जन्मोत्सव गुरुवार को सादगी से मनाया गया। मंदिरों में भगवान राम की पूजन केवल पुजारियों ने की। वहीं कई घरों में लोगों ने बेटियों को ही देवी का रूप देकर पूजन आरती की और शाम को अपने घरों के बाहर नौ दीपक जलाकर भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया। लॉकडाउन के चलते पहली बार रामनवमीं पर शहर सहित जिलेभर में कोई आयोजन नहीं हुआ। शहर के बड़े मंदिर तिपट्टा बाजार में दोपहर 12 बजे श्रीराम जानकी मंदिर में दशरथ नंदन भगवान श्रीराम का प्रकटोत्सव मनाया। मंदिर के पुजारी पं. गिरजेश चतुर्वेदी ने श्रीराम की पूजन-आरती कर भगवान श्रीराम को मिठाई का भोग लगाया। मंदिर परिसर में 9 दीप जलाए। इसके बाद शंख घडिय़ाल बजाकर कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म करने की कामना प्रभु श्रीराम से विनती की। शहर के अन्य मंदिरों में भी इसी तरह सादगी से आयोजन किए गए।
घर-घर पूजी कन्याएं
बरेली. गुरुवार को चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन रामनवमी पर घर-घर भगवान राम और देवी की पूजन की गई। मंदिरों में ताले डले होने के कारण लोगों ने घर में बेटियों को माता का स्वरूप देकर पूर्ण श्रृंगार कर उनकी पूजन आरती की। शाम के समय लोगों ने अपने घरों के सामने नौ दीपक जलाए। भगवान राम की आराधना की और उत्सव मनाया। लोगों का कहना था कि भगवान राम का जन्मोत्सव हमेशा की तरह नहीं मना सके, इसलिए भगवान के स्वागत में दीप जलाए।
सुने पड़े रहे मंदिर
मंडीदीप. कोरोना वायरस के संक्रमण के खौफ और लॉकडाउन के चलते मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम गुरुवार को रामनवमी के दिन श्रद्धालुओं के मन के मंदिर में प्रकट हुए। हर साल धूमधाम से मंदिरों आदि में होने वाले राम जन्मोत्सव के आयोजन इस साल नहीं हुए। कहीं भी कोई सार्वजनिक आयोजन नहीं हुए और ना ही इस बार भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकली गई।
भक्त ना ही मंदिरों में मंगल गान और बधाई गान गा सके। ऐसे में भक्तों ने भगवान श्रीराम की घर-घर में ही बड़े उत्साह और उमंग के साथ पूरे मनोभाव से पूजा की। नवमी तिथि पर गुरुवार को दोपहर 12 बजे भगवान श्रीराम का जन्म विशेष योग अभिजीत काल में हुआ। रामनवमी पर सर्वार्थसिद्धि योग पूरे दिन रहने के साथ रवि योग भी रहा।
इस विशेष योग में श्रद्धालुओं ने श्रीराम का विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर अपनी कृपा दृष्टि उन पर बनाए रखने की प्रार्थना की। साथ ही संकट की इस घड़ी में कोरोना से बचाने की मन्नत मांगी। इस दौरान भय प्रकट कृपाला दीन दयाला से पुरा नगर गुंजायमान रहा। कई घरों में सुंदरकांड और रामचरित्र मानस पाठ भी आयोजित किए गए। वहीं मंदिरों में भक्तों की भीड़ ना जुट पाने के कारण पुजारियों ने ही भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव सामान्य रूप से मनाया।

हवन, अनुष्ठान के साथ नवरात्रि पर्व का किया गया समापन
बटेरा. ग्राम सहित आसपास के गांवों में चैत्र नवरात्र पर्व में माता दुर्गा की आराधना की गई । विश्व में महामारी का रूप ले चुकी कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन है। इस कारण नवरात्रि का त्योहार लोगों ने अपने घर में ही रहकर मनाया। इस अवसर पर घर पर ही ज्वारे रखकर माता की आराधना की। इस दौरान बटेरा रजबाड़ा एवं प्रसिद्ध वाराही माता मंदिर भी बंद रहा। बटेरा से लगभग आठ किलोमीटर दूरी पर स्थित प्राचीन माता मंदिर पर नवरात्र में होने वाली राम कथा को स्थगित कर दिया गया है, जिसकी अधिकतर तैयारी हो चुकी थी। नवरात्र के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कन्या भोजन का आयोजन भी नहीं हो सका। घर पर ही पूजन अर्चना करने के साथ गुरुवार को चैत्र नवरात्र का त्योहार समापन हुआ।
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