लगभग सौ महिला, पुरुष मुख्य बाजार से पैदल चलकर ज्ञापन सौंपने कलेक्ट्रेट पहुंचे। सूचना मिलते ही कलेक्ट्रेट परिसर में कोतवाली पुलिस से बल भी पहुंच गया। ग्रामीण महिला, पुरुषों ने पक्की सडक़ नहीं होने और मिडिल स्कूल भवन नहीं होने पर जमकर नारेबाजी की। बड़ी देर तक ग्रामीण कलेक्ट्रेट भवन के मुख्य द्वार पर बैठे रहे। कलेक्टर एस प्रिया मिश्रा बैठक में व्यस्त थी। लेकिन महिलाएं कलेक्टर को ज्ञापन देने की जिद पर अड़ी रही। बाद कलेक्टर ने एसडीएम एमपी बरार को ग्रामीणों के पास भेजा तो ग्रामीणों ने एसडीएम की बात नहीं सुनी और उन्हें लौटा दिया। इसके बाद कलेक्टर मिश्रा ने तीन ग्रामीणों को ज्ञापन के साथ बुलाया व समस्या सुनी।
सीईओ के चैंबर के सामने दिया धरना
इसके बाद कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ अमनवीर के पास ग्रामीणों को भेज दिया। ग्रामीण जिला पंचायत कार्यालय में सीईओ के चैंबर के सामने धरना देकर बैठ गए। सीईओ अमनवीर सिंह ने ग्रामीणों की समस्या सुनी और कहा कि बुधवार को अधिकारियों को भेजकर गांव में सडक़ की स्थिति की जांच कराई जाएगी। तब जाकर ग्रामीण वहां से हटे।
तीन रास्ते एक भी पक्का नहीं
ग्रामीण संतोष, बाबू सिंह, भैयालाल, मलखान सिंह, प्रीतम, वीरेन्द्र आदि ने बताया नेवली गांव पहुंचने के लिए तीन रास्ते हैं। लेकिन इनमें से एक भी पक्का रास्ता नहीं है। जिससे बारिश में गांव के लोगों को आवागमन में दिक्कत होती है। पहला रास्ता रायसेन के तजपुरा वार्ड १३ से है, जिसकी दूरी सात किमी है। ग्राम पंचायत द्वारा गनिहारी और तजपुरा के बीच में मुरम रोड बनाया है। लेकिन नेवली तक आने के लिए पक्की सडक़ नहीं बनाई। दूसरा मार्ग भादनेर कच्चा है जो भी परेशानी भरा है यही हाल तीसरे मार्ग का है।