बताया जा रहा है कि लगभग पचास वर्ष पहले दुर्गा चौक पर सबसे पहले बस स्टैण्ड बनाया गया था। यहीं से ही भोपाल के लिए बसों का संचालन होता है। लेकिन आज लोगों की पैदल आवाजाही ही परेशानी दायक साबित होने लगी। सबसे ज्यादा दिक्कत तो गंभीर मरीजों को अस्पताल ले जाने के दौरान होती है, क्योंकि छोटी गली होने से चार पहिया वाहन या फिर एम्बूलेंस घरों तक नहीं पहुंच पाती। ऐसे में मरीज को घर से वाहन तक लाना कठिन होता है।
यहां है ज्यादा परेशानी
शहर के वार्ड पांच दुर्गा चौक के समीप का क्षेत्र, जैन मंदिर क्षेत्र में छोटी गलियां हैं। वार्ड सात के क्षेत्र में भी कुछ गलियां इतनी छोटी हैं, कि वहां से एक साथ दो लोग बमुश्किल निकलते हैं। इसी तरह वार्ड पांच में तिपट्टा बाजार वाला रास्ता भी सकरा हो गया। वार्ड तीन में फौजदारपुरा की तंग गलियां भी राहगीरों और वाहन चालकों के लिए कष्टदायक हैं। वहीं अब प्रशासन के पास इस समस्या का हल करना संभव नहीं लग रहा।
वाहन पार्किंगं की समस्या
तंग और छोटी गलियां होने से इन क्षेत्रों के रहवासियों को अपने दो पहिया, चार पहिया वाहनों को खड़ा करना मुश्किल होता है। घरों के अंदर तक वाहन ले जाना संभव नहीं है। इस कारण कई लोगों को बाहर ही वाहन रखना पड़ रहा है। ऐसे में रहवासियों को हरदम वाहन चोरी जाने का भय भी लगा रहता है। वहीं चार पहिया वाहन मालिकों को तो ऐसी जगह तलाशना पड़ती हैं। जहां पर जगह अधिक हो और आसानी से वाहन निकाला जा सके। इसी समस्या के चलते नर्सिगं हॉस्टल के पीछे सड़क पर कई चार पहिया वाहन दिन-रात खड़े नजर आते हैं। यहां पर अघोषित रूप से वाहन पार्किगं बना ली है।