इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि एक जुलाई से 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले 19 से 20 प्लास्टिक के आयटमों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसलिए कोई भी दुकानदार इन उत्पादों का उपयोग या बिक्री नहीं करें, अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। बैठक में उपस्थित व्यापारी बोले कि पॉलीथिन बिक्री या उपयोग करने के लिए छोटे दुकानदारों पर अक्सर कार्रवाई की जाती है। मगर जिन फैक्ट्रियों में इन प्रतिबंधित उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है, वहां पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जिससे ये आयटम बाजार में ही उपलब्ध न हो सकें। इस बात पर अधिकारियों ने बताया इस तरह की लगभग 29 फैक्ट्रियों को बंद किया जा चुका है। इसके अलावा जिन कारखानों में सौ माइक्रोन से कम के प्लास्टिक उत्पाद बन रहें हैं, उनके विरुद्ध भी जल्द कार्रवाई की जाएगी। बैठक में स्वच्छता सर्वेक्षण की नोडल अधिकारी उपयंत्री रश्मि सिंह, उपयंत्री पीके साहू, अभिषेक मालवीय, सिटी मिशन मैनेजर रानी तिवारी, कैलाश नामदेव, मनोकांत चौरसिया कर्मचारी उपस्थित रहे।
दी समझाइश
बैठक के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने सड़क किनारे लगे सब्जी, फल-फ्रूट के हाथ ठेलों सहित फुटकर दुकानदारों को इससे संबंधित पेम्पलेट बांटकर जागरुक किया और समझाइश दी। साथ ही यह भी बताया कि एक जुलाई से प्रतिबंधित उत्पादों का उपयोग और बिक्री नहीं करें। शासन के आदेश का पालन नहीं करने पर चालानी सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी।