वहीं केन्द्रों से परिवहनकत्र्ता ठेकेदार द्वारा निरंतर गेहूं का उठाव नहीं किया जा रहा है। जबकि खरीदे गए गेहूं को २४ घंटे केे अंदर वेयर हाउस में रखा जाना है। मगर नागरिक आपूर्ति निगम के परिवहनकत्र्ता ठेकेदार द्वारा पर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे। इससे ऐसे हालात बनने लगे।
वहीं पिछले तीन दिनों से मौसम भी बार-बार रुख बदल रहा है। आसमान पर बादल छाए रहने के बाद बूंदाबांदी होती रही। इसके साथ ही तीन दिन पहले जिले के सिलवानी में करीब आधा घंटे तक बारिश भी हो चुकी है।
कम लगाए वाहन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में गेहूं परिवहन के लिए आठ सेक्टर बनाए गए हैं। प्रत्येक सेक्टर में ५० से १०० वाहनों की उपलब्धता कराने के निर्देश नागरिक आपूर्ति निगम ने परिवहनकत्र्ता ठेकेदारों को दिए हैं। मगर ट्रांसपोर्टरों द्वारा ५० से कम वाहन ही प्रत्येक सेक्टर में लगाए गए हैं।
इस कारण दूरस्थ अंचलों में बने केन्द्रों पर प्रतिदिन वाहन नहीं पहुंच पा रहे। ऐसे में दिनों दिन केन्द्रों पर स्टॉक बड़ रहा है। गौरतलब है कि पिछले पांच-छह वर्षों से रायसेन क्षेत्र में एक ही ट्रांसपोर्टर द्वारा परिवहन का काम लिया जा रहा है। हर वर्ष परिवहन में लेटलतीफी होती है। लेकिन इस साल तो शुरुआती दौर में ही परिवहन और खरीदी में बड़ा अंतर सामने आने लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चने की खरीदी भी १० अप्रैल से होनी थी मगर खरीदी केंद्रों पर बारदाना की कमी परिवहन व्यवस्था गड़बड़ाने के कारण चने, मसूर और सरसों की खरीदी फिलहाल नहीं हो पाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नकतरा केन्द्र पर ४५०० क्विंटल, चांदनगोड़ा केन्द्र में ४१६७ क्विंटल, खंडेरा में १९९० क्विंटल, नरवर में ४८०० क्विंटल, सांचेत में ४९६५ क्विं टल, मानपुर में १२०८१ क्विंटल, मुडियाखेड़ा में 5947 क्विंटल और मंडी रायसेन केन्द्र पर लगभग साढ़े सात हजार क्विंटल से ज्यादा गेहूं परिवहन के लिए मैदान में रखा हुआ है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में बने केन्द्रों पर भी बड़ी मात्रा में गेहूं का स्टॉक मौजूद है। रतनपुर वेयर हाउस केन्द्र पर गेहूं का स्टॉक लगभग सात हजार क्विंटल से अधिक का बताया जा रहा है।
कृषि उपज मंडी परिसर में बने खरीदी केन्द्र में बुधवार को सुबह से ही तुलाई बंद रही। बताया जा रहा है कि यहां पर बारदाना उपलब्ध नहीं था। इस कारण मंडी परिसर में किसान गेहूूं तुलाई के लिए भटकते रहे। इस दौरान करीब ५० टै्रक्टर-ट्रॉली मंडी परिसर में गेहूं भरकर खड़े रहे। बारिश के आसार को देखते हुए किसानों ने ट्रॉली पर तिरपाल आदि बांधकर बचाव के प्रबंध किए।