एमपी समेत देशभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। दहशत के इस माहौल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें फल बेचने वाला एक शख्स अपने ठेले पर रखे फलों पर थूक लगा रहा था। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए वीडियो में कहा गया कि, शख्स फलों पर अपने थूक के जरिये कोरोना संक्रमण लगाकर ग्राहकों को बेच रहा है।
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पुलिस तफ्तीश में सामने आई सच्चाई
मामला चर्चा में आने के बाद पुलिस सक्रीय हुई और आनन फानन में फल ग्राहक को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, पूछताछ से पहले कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए व्यक्ति का ब्लड सेंपल कोरोना जांच के लिए भेजा गया। इसके बाद शुरु हुई पुलिस तफतीश में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए वीडियो के माध्यम से कहा गया कि, कोरोना संक्रमण के बीच व्यक्ति अपने थूक के जरिये लोगों में संक्रमण फैला रहा है। हैरानी की बात तो ये रही कि, कई न्यूज चैनलों और न्यूज वेबसाइटों ने भी इस वीडियो को कोरोना संक्रमण के दौरान का ही बताते हुए दिखाया। न्यूज पर दिखाए जाने के बाद वीडियो देखने वाले लोगों में दहशत का माहौल बन गया। हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि, दिखाया गया वीडियो कोरोना काल का था ही नहीं, बल्कि एक साल पुराना है।
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न्यूज के जरिये भी की गई गलत बयानी
रायसेन पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने बताया कि, पुलिसिया पड़ताल में सामने आया है कि, वीडियो पिछली साल 16 फरवरी 2019 में बनाया गया था। इसका कोरोना वायरस के संक्रमण काल से कोई लेना देना नहीं है। पिछले साल एक युवक ने इस वीडियो को बनाकर सोशल प्लेटफॉर्म टिक-टॉक पर पोस्ट किया था। हालांकि, उस दौरान ये वीडियो चर्चा में नहीं आया। कोरोना वायरस की दहशत के बीच कुछ शरारती तत्वों ने माहौल बिगाड़ने के उद्देश्य से अलग शब्द देकर लोगों में दहशत बढ़ाने का प्रयास किया। हैरानी तो इस बात पर है कि, कई न्यूज चैनलों में तक इसकी गलत बयानी की गई।
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फल विक्रेता की हरकत आपराधिक
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, वायरल हुआ वीडियो भले ही एक साल पुराना था, लेकिन फल विक्रेता द्वारा की गई हरकत आपराधिक थी, जिसके आधार पर शेरू मियां को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया गया और उसके खिलाफ धारा 269 और 270 IPC के तहत मामला दर्ज किया गया। वहीं, सबसे पहले युवक की COVID-19 की रिपोर्ट जांच के लिए भेजी गई, जिससे आगे की कार्रवाई तय की जा सके। साथ ही, व्यक्ति को क्वारंटाइन में रखा गया। फिलहाल, युवक की कोविड-19 की रिपोर्ट भी निगेटिव आई, जिसके बाद युवक से आगे की पूछताछ की गई। पुलिस जांच में सामने आया कि, युवक भारी अवसाद का शिकार है, जिसकी वजह से वो ऐसी ही अनाप शनाप हरकतें करता रहता है।
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परिवार ने कहा…
आरोपी फल विक्रेता की बेटी ने पिता के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि, उसके पिता का 10 साल पहले दूध का बड़ा कारोबार था। लेकिन, अचानक उनका स्वास्थ खराब होने के कारण उनका काम पूरी तरह खत्म हो गया। आर्थिक तंगी से परेशान होकर परिवार नानी के घर चला गया। इस वजह से पिता तनाव में रहने लगे। वो आए दिन घर पर भी अजीबो गरीब हरकतें करने लगे। बेटी ने बताया कि, उसके पिता जानबूझकर फलों को गंदा नहीं कर रहे थे, बल्कि जब उनका काम अच्छा चलता था, तो उनकी आदत नोट गिनने की थी, जिसे आमतौर पर थूक लगाकर गिना जाता है। उनकी यही आदत उनकी बीमारी के दौर में उनपर हावी हो गई है। इसी बेखयाली के कारण वो फलों पर भी थूक लगाते दिखे। बेटी के मुताबिक, पुलिस ने भी पूछताछ से पहले ही पिता की डंडो से पिटाई की थी।