पिछले कुछ दिनों पहले ही कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने रायसेन किले में स्थित सोमेश्वर धाम मंदिर के ताले खुलवाने की मांग की थी। इसके बाद उमा भारती ने ऐलान किया था कि वे 11 अप्रैल सोमवार को जल चढ़ाने जाएंगी, लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण उमा को मंदिर तक तो जाने दिया, लेकिन ताले नहीं खोले गए। उमा ने मंदिर के बाहर से ही पूजा-अर्चना की।
यह मेरा निजी फैसला
मंदिर से लौटने के बाद उमा ने अपने समर्थकों को संबोधित किया। उमा ने कहा कि अन्न छोड़ने का निर्णय पूरी तरह मेरा निजी मामला है। यह राज्य, केंद्र सरकार या प्रशासन पर दबाब बनाने के लिए नहीं। अन्न छोड़ने का निर्णय निजी स्वार्थ और स्वयं को खुश रखने के लिए लिया है।
इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सोमवार को सुबह रायसेन किले पर पहुंच गई। उन्होंने घोषणा की थी कि वे नवरात्रि के बाद के पहले सोमवार को शिवालय में जल चढ़ाएंगी। उमा के रायसेन पहुंचने से पहले भी प्रशासन अलर्ट हो गया था। किले के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। वहीं एक दिन पहले जिला प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए मंदिर का ताला खोलने से इनकार कर दिया था।
पूर्व सीएम उमा भारती सोमवार को सुबह रायसेन पहुंची, जहां उन्होंने प्रशासन के लोगों के साथ रायसेन किले पर चढ़ाई की। वे शिवालय में जल चढ़ाना चाहती थीं। उमा के मुताबिक मान्यता है कि नवरात्रि के बाद के पहले सोमवार को शिवजी का जलाभिषेक करना चाहिए। उमा अपने साथ गंगोत्री से लाया हुआ गंगाजल लेकर पहुंची हैं। वे रायसेन किले में स्थित सोमेश्वर धाम में जल चढ़ाने पहुंची हैं। उमा ने ट्वीट पर कहा था कि वे राजा पूरणमल, उनकी पत्नी रत्नावली, दोनों बेटे व बेटी और सैनिकों का तर्पण करूंगी। अपनी अज्ञानता के लिए क्षमा मांगूंगी।
सर्किट हाउस पहुंची उमा
इससे पहले उमा भारती सुबह रायसेन के सर्किट हाउस पहुंची, जहां पहले से मौजूद स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने उनकी अगवानी की। इसके बाद उमा भारती पहाड़ी पर स्थित किले पर चढ़ा करने के लिए रवाना हो गई। यहां कुछ अधिकारियों के साथ उमा किले पर रवाना हुई। इस दौरान मीडिया को जाने की अनुमति नहीं दी गई। खबर लिखे जाने तक किले के गेट तक भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। इधर, पहाड़ी के नीचे कई भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्हें भी किले पर जाने की अनुमति नहीं दी गई। इस दौरान सभी कार्यकर्ता भजन कीर्तन करते रहे।

प्रशासन ने कहा- हम नहीं खोल सकते मंदिर
उमा के रायसेन आने से पहले जिला प्रशासन पशोपेश में है, वो ताला खोलने को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पाया है। जिला प्रशासन ने उमा भारती को बताया है कि रायसेन का किला एवं उसमें स्थित शिव मंदिर केन्द्रीय पुरातत्व विभाग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है। मंदिर का गर्भगृह केन्द्रीय पुरातत्व विभाग द्वारा सिर्फ महाशिवरात्रि पर खोला जाता है। शेष दिनों में यह बंद रहता है। रोजाना निर्धारित समय में दर्शक/पर्यटक दरवाजे के बाहर से शिवलिंग एवं अन्य पुरातात्विक महत्व की संरचनाओं का अवलोकन कर सकते हैं। जिला प्रशासन एवं राज्य शासन द्वारा शिव मंदिर के गर्भगृह को खोलने का निर्णय नहीं लिया जा सकता है। जिला प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री के 11 अप्रेल के प्रवास के संबंध में केन्द्रीय पुरातत्व विभाग को अवगत कराया है। केन्द्रीय पुरातत्व विभाग यदि अनुमति दे देता है तो जिला प्रशासन तत्काल उमा भारती को अवगत कराएगा।