इस संबंध में एसडीएम ने बताया कि तीनों डंपर एवं एक ट्रैक्टर-ट्रॉली के मालिक प्रमोद जैन बेगमगंज पर 72 हजार, सचिन जैन बेगमगंज पर 66 हजार एवं नंदकिशोर चन्द्रवंशी गैरतगंज पर 60 हजार तथा ट्रैक्टर-ट्राली मालिक साबिर खां पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। चारों खनन माफिया द्वारा जुर्माना जमा कर दिया गया है।
वन भूमि पर अवैध उत्खनन में लगे तीन डंपर जब्त देवरी. गोरखपुर क्षेत्र में वन भूमि पर अवैध उत्खनन में लगे तीन डंपरों को वन अमले ने जब्त कर देवरी थाने पहुंचाया। यह मामला बाद में राजस्व और वनभूमि के बीच उलझ गया, जिससे देर रात तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी, जबकि शिकायतों के बाद वन अमले ने पुलिस की मदद से उक्त कार्रवाई की। रेंजर एनआर इमने ने बताया कि अवैध उत्खनन राजस्व भूमि पर किया जा रहा था। वन अमले ने बंसल कंपनी के तीन डंपर जब्त करने की कार्रवाई की है।
आगे की कार्रवाई राजस्व विभाग करेगा। उल्लेखनीय है कि देवरी क्षेत्र में अवैध उत्खनन जोरों पर चल रहा है। ठेकेदार लाखों रुपए की मुरम निकाल निकाल कर शासन को चूना लगा रहे हैं। नेशनल हाईवे 12 के निर्माण के लिए अवैध रूप से गोरखपुर के पास वन भूमि से उत्खनन किया जा रहा है, जिसकी ग्रामीण कई बार शिकायत कर चुके हैं।
अतिक्रमण की चपेट में प्राचीन तालाब, हो रहा नष्ट
देवरी. नगर के पुराने तालाब इन दिनों अतिक्रमण की चपेट में हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते लोग तालाब की जमीन पर मकान बना रहे हैं। एक-एक कर नगर के तालाब खतरे में पड़ते जा रहे हैं।
एक तालाब पर पूरी तरह अतिक्रमण हो चुका है। वहां पर लगभग 100 मकान बन चुके हैं। जबकि दूसरा पान के बरेजों के पीछे वाला तालाब भी अतिक्रमण का शिकार होता जा रहा है।
देवरी. नगर के पुराने तालाब इन दिनों अतिक्रमण की चपेट में हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते लोग तालाब की जमीन पर मकान बना रहे हैं। एक-एक कर नगर के तालाब खतरे में पड़ते जा रहे हैं।
एक तालाब पर पूरी तरह अतिक्रमण हो चुका है। वहां पर लगभग 100 मकान बन चुके हैं। जबकि दूसरा पान के बरेजों के पीछे वाला तालाब भी अतिक्रमण का शिकार होता जा रहा है।
वहीं बड़ा तालाब जो 90 एकड़ में बना हुआ है, उसकी साफ सफाई नहीं हो पा रही है, जबकि इस तालाब से पान के बरेजों की खेती की जाती है। मछुआ समुदाय के लोग सिंगाड़ा लगाते हैं, जिसमें लगभग 100 परिवारों की रोजी-रोटी चलती है, लेकिन इन दिनों इस तालाब में बड़े-बड़े पेड़, कचरा हो गया है। तालाब में सिंघाड़ा की खेती करने वाले मिलजुलकर साल में 15000 रुपए ग्राम पंचायत में जमा करवाते हैं। जबकि शासन की कई योजनाएं हैं पर्यटन विभाग से तालाब के रखरखाव एवं जीर्णोद्धार के लिए सरकार करोड़ों रुपए दे रही हैं।
मछुआ समुदाय को सिंघाड़ा लगाने के लिए हर साल तालाब दिया जाता है, लेकिन सिंघाड़ा लगाने वालों ने उसकी साफ सफाई नहीं करवाई है, जिसके कारण उसमें भारी मात्रा में कूड़ा करकट उगा गया है।
मनोज सोनी, उपसरपंच ग्राम पंचायत
मनोज सोनी, उपसरपंच ग्राम पंचायत