रायसेन

बेरोजगारी और कृषि उद्योग है प्रमुख मुद्दा

राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे भी रहेंगे चुनाव में हावी।

रायसेनMar 14, 2019 / 11:33 am

praveen shrivastava

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रायसेन. लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेजी से बढ़ रही हैं। राजनीतिक दलों के साथ आम जन भी चुनावी चर्चाओं में व्यस्त दिखाई देने लगे हैं। देश की सरकार किन मुद्दों पर बनेगी, यह चर्चाएं आम हैं। लोग राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों को अपने-अपने ढंग से परिभाषित कर उन्हे विभिन्न दलों के पक्ष या विपक्ष में बता रहे हैं। इसी के साथ लोकसभा क्षेत्र के अपने मुद्दे भी लोगों के बीच चर्चाओं में हैं।


पत्रिका ने बुधवार को विदिशा संसदीय क्षेत्र के मुद्दों का ेलेकर महामाया चौक पर एक परिचर्चा का आयोजन किया। जिसमें नगर के कई नागरिक और विभिन्न दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस परिचर्चा में लोगों राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे सभी लोकसभाओं में प्रीाावशाली बताए। लोगों ने कहा कि राफेल, एयर स्ट्राइक जैसे मुद्दों को न जर अंदाज नहीं किया जा सकता। देश की सरकार के गठन में ये मुद्दे प्रभावी रहेंगी। साथ ही स्थानीय मुद्दे भी मतदाताओं के जहन में रहेंगे। परिचर्चा का पत्रिका के पेज पर लाइव प्रसारण किया गया। इस दौरान लाइव प्रसारण देख रहे लोगों ने पेज पर ही अपने सवाल भी रखे, जिनका परिचर्चा में शामिल राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने जबाब दिया।

बोरोजगारी और कृषि उद्योग
परिचर्चा में यह बात सामने आई कि रायसेन जिले में बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार के साधन नहीं हैं। अब तक विदिशा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पांच बार, सुषमा स्वराज दो बार, अटल बिहारी बाजपेयी जैसे नेता सांसद रहे। लेकिन क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के स्थाई साधन नहीं मिल सके। कृषि प्रधान जिला होने के बाबजूद जिले में कृषि आधारित उद्योग नहीं है। किसानो की उपज को उचित मूल्य मिले इसके कोई उपाय नहीं किए गए। किले के विकास के लिए की गई घोषणा पर प्रभावी अमल नहीं हुआ।
परिचर्चा में महेश श्रीवास्तव, राकेश तोमर, मनोज अग्रवाल, ब्रजेश चतुर्वेदी, मि_ूलाल धाकड़, कैलाश खत्री,संतोष साहू, बाबूलाल प्रजापति, हल्ला महाराज, जगदीश अहिरवार, गुड्डा माहेश्वरी, अशोक सोनी, मोहन राय आदि शामिल थे।

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