यहां डॉ. सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि देवनगर और सुल्तापुर अस्पताल में व्यवस्थाओं की कमी को पूरा कर तय समय पर इन्हें अपग्रेड किया जाएगा। यह केन्द्र सरकार की योजना है। उन्होंने जिला अस्पताल में प्रसूति वार्ड मेें रिकॉर्ड का निरीक्षण कर डॉक्टरों से जानकारी ली। साथ ही मरीजों से भी सुविधाओं को लेकर चर्चा की गई।
एक सवाल के जवाब में डॉ. सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की कमी की पूर्ति राज्य स्तर से की जाएगी। वहीं पिछले दिनों गैरतगंज से रैफर होकर आई महिला प्रसूता की मौत पर जिला अस्पताल एवं गैरतगंज के डॉक्टरों के विरोधाभासी बयान पर उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। डॉ. सिंह ने सीएमएचओ को जांच कराने के निर्देश दिए। गौरतलब हो कि डिलेवरी से मृतक महिला की प्राथमिक जांचे भी नहीं कराई गई थी।
ऑडिट कराएं
सीएमएचओ डॉ. दिलीप कटहलिया एवं सिविल सर्जन डॉ. बीबी गुप्ता को बच्चों की मृत्यु होने पर उसका ऑडिट कराने के निर्देश दिए, जिससे बच्चों की मौत की वजह सामने आ सके।
बेटे को लेकर कुएं में कूदी थी मां, साजा हुई
बेगमगंज. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश बीआर यादव ने कुसुमबाई पत्नी विश्राम सिंह निवासी ग्राम जसरथी को अपने ही बेटे की हत्या के आरोप में सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक बद्री विशाल गुप्ता एवं पैनल अधिवक्ता ओपी दुबे द्वारा की गई। गुप्ता ने बताया कि मामला थाना सुल्तानगंज का है, जिसमें पांच दिसंबर 2012 को दीपक रैकवार के खेत के कुआं में आरोपी कुसुम बाई पारिवारिक प्रताडऩा से तंग आकर अपने बेटे सहित कुएं में कूद गई थी। वह स्वयं तो बच गई, किन्तु छोटा बालक छोटू उर्फ राजाबाबू की मौत हो गई थी।
यहां देवनगर थाना के तहत सागर स्टेट हाईवे पर ग्राम खंडेरा में शाम को लगभग छह बजे एक तेज रफ्तार जीप ने एक छह वर्षीय बालिका को टक्कर मार दिया। जिससे उस बालिका की मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार बालिका अयोध्या बाई खंडेरा में सड़क किनारे खड़ी थी। इसी दौरान भोपाल से सागर जा रही एक तेज रफ्तार जीप के चालक ने तेज गति एवं लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए बालिका को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
बरेली. भोपाल से मरीज को छोड़कर वापस बरेली आ रही जननी एक्सप्रेस बाड़ी के पास खाई में गिर गई। वाहन में चालक के अलावा कोई नहीं था। सीबीएमओ डॉ. गिरीश वर्मा ने बताया कि राहत की बात यह रही कि खाई में गिरने से पहले ही चालक ने वाहन से कूद कर अपने आप को बचा लिया। सड़क पर गीली मिट्टी के कारण जननी एक्सप्रेस फिसलने से चालक संतुलन खो दिया था।