मोदकपुर, फतेहपुर के ग्रामीणों को मिल रहा मुश्किल का पानी
दूर जाकर खेतों में बने कुएं, ट्यूबवेल से पानी ला रहे गंाव के बच्चे, महिला और पुरुष।
ग्रामों में नहीं हैं पेयजल के पुख्ता इंतजाम, मोदकपुर में नल-जल योजना अधूरी।
चिलचिलाती धूप में घर के आधे सदस्य पानी भरने में जुटे रहते हैं।
रायसेन
Published: May 01, 2022 08:35:43 pm
बेगमगंज. तहसील के ग्रामीण अंचलों में पानी की किल्लत से ग्रामवासी काफी परेशान हैं। विशेषकर महिलाओं के लिए पनघट की डगर मुश्किल हो रही है। मोदकपुर और फतेहपुर गांव की महिलाएं सिर पर बर्तन रखकर पानी की ढुलाई करती देखी जा सकती हैं। खेतों बने हुए कुओ और दूरदराज के इलाकों के ट्यूबवेल से पानी भरने के बाद सिर पर खेत रखकर घर पहुंचती है। चिल्लाती धूप में जहां पारा 44 डिग्री तक पहुंच रहा है। ऐसे में बच्चे साइकिल पर और महिलाएं सिर पर बर्तन की खैप रख कर खेतों से पानी लाने को मजबूर है। वहीं साधन संपन्न परिवार टंकियों से पानी भरकर लाने के लिए मजबूर हैं। कई लोग बैलगाड़ी में टकियां बांधकर पानी की ढुलाई करने को मजबूर हैं। तो कुछ युवा बाइक पर प्लास्टिक की कैन रखकर पानी भरते हैं।
टंकी बनी, सप्लाई चालू नहीं हुई
ग्रामीणों ने बताया कि मोदकपुर नल जल योजना की पानी की टंकी तो बनी है। पाइपलाइन भी बिछी है पर जल सप्लाई चालू नहीं हो सकी। मोदकपुर में हमेशा से ही जल संकट की स्थिति चली आ रही है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि समस्या के स्थाई समाधान के लिए कोई उपाय नहीं कर रहे। गांव में सिफ एक हैंडपंप दूसरे मोहल्ले में है। इन दिनों एक ट्यूबवेल पर सारा गांव निर्भर है। बाकी लोग खेतों में बने कुएं पर निर्भर रहते हैं।
दस दिन में नहा रहे एक बार
बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी में पानी की किल्लत के चलते उक्त ग्रामों के लोग दस दिन में एक बार ही नहाते हैं। भू.जल स्तर गिर जाने से गांवों के जलस्रोत सूख चुके हैं। ऐसे में ग्रामीणों को पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रही है। मोदक पुर गांव के रामुकमार का कहना है कि प्रतिदिन एक बाल्टी से नहाएंगे तो दोपहरी में तीन घंटे परेशान होना पड़ेगा। इसलिए सप्ताह में या फिर दस दिन में नहाते हैं। खेतों से भर कर पानी लाना पड़ रहा, ऐसे में त्योहार पर ही नहाते है। गर्मियों के दिनो में कम लोग ही नहाते हैं।
घर के आधे सदस्य पानी भरने में जुटे
मोदकपुर गांव की आबादी लगभग 1500 हैं। यहां देश को मिली आजादी के बाद से पानी की समस्या बरकरार है। जल के संकट से ग्रामवासी बारह महीने परेशान रहते हैं। खेतों पर दो कुएं बने हैं, जहां से सर्दी, गर्मी और बारिश में महिला-पुरुष एवं बच्चे पानी की ढुलाई करते हैं। तब कहीं जाकर ग्रामीणों के सूखे कंठ तर होते हैं। घर के आधे सदस्यों पानी की व्यवस्था में जुटना पड़ता है। मोदकपुर गांव मरखड़ी ग्राम पंचायत में आता और तहसील मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। मगर आज तक इस गांव में पेयजल की पुख्ता व्यवस्था नहीं हो सकी।
फतेहपुर में भी हालात ठीक नहीं
वहीं दूसरी ओर फतेहपुर पंचायत में भी बूंद-बूंद पानी के लिए ग्रामवासी परेशान हो रहे और उन्हें भी खेतों से पानी भरकर लाना पड़ रहा है। महिलाएं, बच्चे, पुरुष सिर पर बर्तन रखकर ला रहे। चिलचिलाती धूप में पानी के लिए सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में लोग यहां से वहां भटकते नजर आते हैं। मौजूदा समय में मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्षेत्रवासी आखिर किस से गुहार लगाएं उनकी समझ में नहीं आता। क्योंकि वोटों की राजनीति के चलते कुछ क्षेत्रों की उपेक्षा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि करते नजर आ रहे हैं।
टैंकर सरपंच-सचिवों के निजी कार्य में लगे
ग्रामीण कई बार स्थानीय अधिकारियों को आवेदन दे चुके हैं, उसके बावजूद भी व्यवस्थाएं नहीं की गई। सांसद विधायक निधि से जो टैंकर पानी आपूर्ति के लिए दिए हुए हैं। वह सरपंच-सचिवों के अधीनस्थ रहते हैं, टैंकर इन जिम्मेदारों के निजी कार्यों में ही लगे हुए हैं। ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने की तरफ सरपंच सचिवों का ध्यान है नहीं है। इन दोनों गांवों के रहवासियों ने कलेक्टर अरविंद दुबे से स्थल निरीक्षण करवाकर पानी की व्यवस्था तत्काल कराने की मांग की है।

मोदकपुर, फतेहपुर के ग्रामीणों को मिल रहा मुश्किल का पानी
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