नर्मदा से रेत का खनन बंद कराने चार घंटे किया चक्काजाम
रायसेनPublished: Mar 07, 2019 12:15:42 pm
डंपरों किसके हैं, कराएं सीबीआई जांच, बाड़ी और बकतरा में चेक पोस्ट बनाने की मांग।
नर्मदा से रेत का खनन बंद कराने चार घंटे किया चक्काजाम
रायसेन/बाड़ी. रेत का अवैध उत्खनन बंद करने, डंपरों के मालिकों का पता लगाने और बाड़ी, बकतरा में चेक पोस्ट बनाने की मांग को लेकर बुधवार को बकतरा रोड स्थित ग्राम चंदवार के ग्रामीणों ने अचानक सड़क पर पहुंचकर जाम लगा दिया। दोपहर १२ बजे से शुरू हुआ जाम चार घंटे बाद लगभग चार बजे खुला। एसडीएम द्वारा कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद ग्रामीण सड़क से हटने के लिए राजी हुए। इस दौरान प्रशासन, शासन और अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। १७ फरवरी को डंपर की चपेट में आने से तीन युवकों की मौत हुई थी, उनकी तस्वीरें हाथों में लेकर परिजन और ग्रामीणों ने चार घंटे तक सड़क पर जाम लगाया और हंगामा किया। टायर में आग लगाकर बीच सड़क पर रखा, लकडिय़ां सहित वाहन आदि लगाकर सड़क को पूरी तरह जाम किया था। इस दौरान बड़ी संख्या में यात्री परेशान हुए।
ये थीं ग्रामीणों की मांगें
चक्काजाम कर रहे ग्रामीण नर्मदा से रेत का उत्खनन बंद करने की मांग कर रहे थे। साथ ही रेत के परिवहन में लगे डंपरों के मालिकों की जानकारी जुटाने सीबीआई जांच, बाड़ी और बकतरा में चेकपोस्ट बनाने की मांग पर अड़े थे। जाम की सूचना मिलने पर बाड़ी, बकतरा, शाहगंज पुलिस सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। शाम लगभग चार बजे एसडीएम द्वारा आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया।
इसलिए भड़के ग्रामीण
१६ फरवरी को चंदवार निवासी तीन युवक दीपक, शुभम, अजय चौहान की डंपर की चपेट में आने से मौत हो गई थी। 27 फरवरी को दिग्वाड के पास रवी शंकर पिता सोहन गोड़ की डंपर की चपेट में आने से मौत हुई थी। तब ग्रामीणों ने दस डंपरों को आल लगा दी थी। उसके बाद जिले के प्रभारी मंत्री हर्ष यादव के निर्देश पर कलेक्टर ने शाम छह से सुबह छह बजे तक रेत के वाहनों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन इस प्रतिबंध का कोई असर दिखाई नहीं दिया, रेत के डंपर कम तो हुए, लेकिन रात में भी चलते रहे। जिससे ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया।
एसडीएम ने दिश आश्वासन
१२ बजे से लगा जाम तीन बजे तक नहीं ख्ुाला, लगभग साढ़े तीन बजे एसडीएम गिरीश तिवारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलन का नेतृत्व कर रहेग गणपत सिंह एवं ग्रामीणों से चर्चा की। आधे घंटे की मशक्कत के बाद आश्वासन दिया कि नर्मदा से रेत के प्रतिबंध के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में प्रतिवेदन भेजा जाएगा। स्पीड ब्रेकर बनवाने, डंपरों के नंबरों की जांच कराने और शाम छह से सुबह छह बजे तक डंपरों को प्रतिबंधित करने का भरोसा दिलाया। इसके बाद चक्काजाम समाप्त हुआ।