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water crisis : डैम में केवल नौ प्रतिशत पानी बचा, बारिश नहीं हुई तो कैसे बुझेगी लोगों की प्यास

locationरायसेनPublished: Jul 18, 2019 02:45:29 pm

Submitted by:

Amit Mishra

जिलेभर के तालाब सूखे, गैरतगंज, बेगमगंज तहसील के तालाब ही 50 फीसदी भरे, वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारी जलसंकट के आसार

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water crisis : डैम में केवल नौ प्रतिशत पानी बचा, बारिश नहीं हुई तो कैसे बुझेगी ​लोगों की प्यास

रायसेन। दिनों दिन घटती हरियाली और बढ़ते सीमेंट के जंगलों के कारण पर्यावरण संतुलन अब हर वर्ष बिगड़ता नजर आ रहा है। इसका असर असामान्य मौसम weather news के रूप में देखने को मिल रहा है। इससे एक ओर जहां मानसून mansoon आने का समय गड़बड़ाया, वहीं दूसरी ओर मानसून की देरी से जिले भर के जलाशय भी खाली होने की कगार पर पहुंच गए हैं। हाल ये है कि जुलाई के माह में भी जिले में पेयजल संकट Water crisis से आमजन को दो चार होना पड़ रहा है।

 

यहां सवाल सिर्फ मानसून का ही नहीं, सरकार की तमाम योजनाएं भी फेल नजर आ रही हैं। क्योंकि जलाशयों का पेट खाली होता जा रहा है। हां इससे सरकार भले ही बेफिक्र हो मगर जिले का अन्नदाता जिसे हर बार मौसम की मार झेलनी पड़ती है उसे भी अपनी फसलों की चिंता सताने लगी।

जिले के सभी तालाब खाली
मानसून की बेरुखी का आलम यही रहा तो आने वाले समय में जिला भारी जलसंकट की चपेट में होगा। विशेषकर किसानों के लिए यह समय चौतरफा संकट भरा होगा। इसकी वजह जिले के सभी तालाब खाली पड़े हैं। बड़े और छोटे सभी तालाबों में पानी नहीं है। यहां तक कुछ तालाबों में तो एक प्रतिशत पानी भी नहीं हैं।

सीजन में मात्र एक सप्ताह बारिश हुई
जिले के तीन मेजर तालाबों की स्थिति भी गंभीर होती जा रही है। केवल गैरतगंज और बेगमगंज क्षेत्र के तालाब 50 प्रतिशत के आस-पास भरे हैं। वहीं सावन का महीना शुरू हो गया है। बारिश का लगभग आधा सीजन बीत रहा है। जबकि जिले में औसत बारिश की तुलना में एक चौथाई बारिश भी अभी तक नहीं हुई है। इस सीजन में मात्र एक सप्ताह बारिश हुई है।

अधिकतर तालाब हैं शून्य की स्थिति में
जलसंसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में दो मेजर तालाब हैं। बाड़ी का बारना बांध और सलामतपुर के पास हलाली बांध, जबकि एक बेगमगंज के पास सेमरी मध्यम परियोजना है। इन तीन बड़े तालाबों में से सेमरी जलाशय ही 62 प्रतिशत भरा है। जबकि बारना बांध में मात्र दो प्रतिशत और हलाली में मात्र नौ प्रतिशत पानी भरा है। अधिकतर तालाब शून्य की स्थिति में हैं। जिले का एकमात्र देहगांव का तालाब ही सौ प्रतिशत भरा है। 10 तालाब जीरो से 25 प्रतिशत तक भरे हैं, जबकि 20 तालाब 25 प्रतिशत से कम भरे हैं।


ये होगा असर
अभी तो किसान धान की फसल लगाने के लिए परेशान हैं। अधिकतर किसान बारिश पर निर्भर हैं, जिनके पास अपने जलस्रोत हैं, वे अन्य फसलों की बोवनी के साथ धान की रोपाई कर रहे हैं, लेकिन बाकी किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है, जिसने धान की रोपाई कर दी उनकी फसलें सूखने लगी हैं, तो कई की रोपे की सूखने लगे हैं। खेतों में दरारें पडऩे लगी हैं। किसान भगवान और आसमान की ओर आस भरी नजरों से देख रहे हैं।

अब तक हुई बारिश की स्थिति
जिले में अब तक औसत 320.9 मिमी बारिश हुई है। इस दौरान सबसे अधिक 547 मिमी बारिश बेगमगंज तहसील क्षेत्र में हुई है। जबकि गैरतगंज में 540 मिमी, रायसेन में 254 मिमी, सिलवानी में 403.2 मिमी, गौहरगंज में 149 मिमी, बरेली में 228.8 मिमी, उदयपुरा में 322 मिमी, बाड़ी में 152.5 मिमी, सुल्तानपुर में 297.3 मिमी बारिश हुई है। जिले की औसत बारिश 1325.5 मिमी है।


दिनोदिन बढ़ रहा है तापमान
एक सप्ताह मानसून की बारिश के बाद लगभग 15 दिन से बारिश नहीं हुई है, तब से तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है। बुधवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री था। बेतहाशा उमस और गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया। तापमान का असर खेतों की नमी पर पड़ रहा है। बारिश से जो नमी खेतों को मिली थी, वह सूख गई है, जिससे दरारें पडऩे लगी हैं।

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