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जिला मुख्यालय पर ही नालियों में सड़ रही पानी की लाइन, हो रही लापरवाही

locationरायसेनPublished: Nov 21, 2019 12:12:38 am

कई जगह पाइप लाइन के वाल्व गंदगी के बीच लगे हुए हैं

Water line rotting in drains at district headquarters

Raisen. The negligence of the municipality at the district headquarters can pose serious consequences on any day. Water supply pipelines have passed through dirty drains at many places, which are getting damaged due to continuous water supply. In many places pipeline valves are located between the dirt.

रायसेन. जिला मुख्यालय पर नगर पालिका की लापरवाही किसी भी दिन गंभीर परिणाम के रूप में सामने आ सकती है। यहां पानी सप्लाई करने वाली पाइप लाइनें कई जगह गंदी नालियों से होकर गुजरी हैं, जो लगातार पानी में रहने के कारण क्षतिग्रस्त हो रही हैं। कई जगह पाइप लाइन के वाल्व गंदगी के बीच लगे हुए हैं। ऐसे में घरों में दूषित पानी पहुंच रहा है, बीते दिनों ऐसी शिकायत लेकर कुछ लोग नगर पालिका भी पहुंचे थे।
हालांकि अभी तक ऐसा कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया, लेकिन यह खतरा बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनो औबेदुल्लागंज ब्लॉक के ग्राम नूरगंज में पाइप लाइन से घरों में पहुंचे दूषित पानी को पीने से उल्टी, दस्त की बीमारी फैली, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सौ से अधिक लोग आज भी बीमार हैं।

यहां जमीन के अंदर दूषित हो रहा पानी
शहर में कई जगह ऐसी भी हैं जहां जमीन के अंदर क्षतिग्रस्त हुई पाइप लाइन बदी हुई हैं। जब इनसे पानी सप्लाई किया जाता है, तो सड़क पर पानी आ जाता है। विशेषकर मुखर्जी नगर स्थित शगुन गार्डन से शाखा ग्राउंड तक वार्ड १२ और १३ को जोडऩे वाली सड़क पर लगभग ५० मीटर में ऐसे चार स्पॉट हैं, जहां भूमिगत पाइप लाइन में लीकेज है। दो लीकेज तो तीन साल पुराने हैं, जिन्हे नपा सुधार नहीं सकी है।
इस जगहों पर सड़क पर गड्ढे हो गए हैं, जिनमें पानी भरा रहता है, जो सप्लाई बंद होते ही वापस पाइप लाइन में समा जाता है और फिर दूसरे दिन लोगों के घरों में पहुंचता है।
एक दिन में नहीं होता असर
पाइप लाइन के जरिए घरों में पहुंचने वाला दूषित पानी हमेश एक या दो दिन में असर नहीं करता है। अमूमन इसका असर १० से १५ दिन में या इससे भी अधिक समय में होता है।
आंखों से देखने में साफ दिखाई देने वाले पानी में पाइप लाइन के लीकेज से मिलने वाले गंदे पानी की मात्रा कम होती होती है, इसलिए इसकी रंगत पर असर नहीं पड़ता, लकिन सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले जीवाणु, शरीर में पहुंच जाते हैं।

ये खतरे पहुंचे हैं घरों तक
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. यशपाल सिंह बाल्यान का कहना है कि पाइप लाइन में लीकेज से दूषित होने वाले पानी के साथ घरों में बैक्टीरिया, प्राटोजुआ, हेल्मनसीज जैसे परजीवी घरों तक पहुंचते हैं, जिनको देखना यह पहचान करना संभव नहीं है। ये जीवाणु, विषाणु मनुष्य की सेहत पर गहरा असर डालते हैं। इनका असर आठ दिन से १५ दिन में होता है। डायरिया, उल्टी-दस्त का कारण बनते हैं।
ऐसे करें पानी को शुद्ध
पीएचई विभाग में लेब टैकनीशियन हरीश श्रीवास्तव ने बताया कि घरों में पहुंचे पानी को शुद्ध करने के लिए जर्मकिल नामक दवा का उपयोग करना चाहिए। इस दवा में सोडियम हाइड्रोक्लोराइड होता है, इसकी १० बूंद १५ लीटर पानी में डालना चाहिए। दवा डालने के एक घंटे बाद पानी का उपयोग पीने के लिए किया जा सकता है।
पाइप लाइनों की मरम्मत का काम किया जाता है। कहीं कोई लीकेज है तो उसे दिखवा कर दुरुस्त करवा देंगे।
-ओमपाल सिंह भदोरिया, सीएमओ नगर पालिका
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