सड़क चौड़ी कर दी, नहीं बनाए डिवाइडर
डिवाइडर नहीं बनाने से होती रहेगी अव्यवस्था
प्रस्ताव में डिवाइडर बनाना शामिल है, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने जरुरी नहीं समझा।
सड़क पर खड़े हो रहे वाहन, लग रही दुकानें हाथ-ठेले।
रायसेन
Updated: March 07, 2022 10:51:19 pm
रायसेन. शहर में सांची रोड गोपालपुर से खरगावली सागर रोड तक बनाई जा रही साढ़े छह किमी लंबी फोरलेन सड़क के निर्माण में हर दिन खामियां सामने आ रही है। पीडब्ल्यूडी द्वारा शासन को बनाकर भेजे गए प्रस्ताव के आधार पर फोरलेन सड़क का निर्माण मंजूर हुआ है। लेकिन विभाग ही अपने बनाए प्रस्ताव को नहीं मान रहा और मनमाने तरीके से ठेकेदार की सुविधा का ध्यान रखते हुए सड़क बनवा रहा है। शहर में सबसे मुख्य और व्यस्त क्षेत्र माने जाने वाले सागर तिराहा से लेकर जिला न्यायालय तक के करीब आधा किमी के हिस्से में फोरलेन सड़क के बीच में डिवाइडर नहीं बनाया जा रहा। उक्त हिस्से में सड़क की चौड़ाई बढ़ाकर चौदह मीटर कर दी गई। मगर डिवाइडर के लिए बीच में एक मीटर की जगह नहीं छोड़ी गई। अब विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उक्त हिस्से में फिलहाल डिवाइडर नहीं बनेगा।्र क्योंकि यहां पर टै्रफिक अधिक रहता है। जबकि इस क्षेत्र में फोरलेन सड़क पर डिवाइडर की बेहद आवश्यकता है। क्योंकि डिवाइडर नहीं होने से पूरी सड़क अव्यस्थित दिखेगी।
दिखने लगी पुरानी तस्वीर
सबसे व्यस्तम सड़क का चौड़ीकरण तो कर दिया गया, लेकिन डिवाइडर नहीं बनाने से हालात नहीं बदले। ऐसे में यहां पर फिर वही तस्वीर दिखाई दे रही थी, जो फोरलेन सड़क निर्माण के पहले रहती थी। दोनों तरफ के हिस्सों में आधी सड़क पर दो पहिया, चार पहिया वाहनों की बेतरतीव पार्किगं होने लगी। बाकी जगह में हाथ ठेले, सब्जी, फलों की दुकानें लग रही। ऐसे में शहर को मिली फोरलेन सड़क की सौगात का कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा। सवारी ऑटो चालकों ने भी पक्की सड़क को अपना अघोषित स्टैंड बना लिया।
नाले की जगह बना दी नाली
साढ़े छह किमी लंबी सड़क का निर्माण ३२ करोड़ रुपए से कराया जा रहा है। जिसमें बिजली कार्य, पेड़ कटाई एवं पानी की लाइन शिफ्टिगं कार्य को शामिल किया गया। जबकि सिविल वर्क साढ़े २२ करोड़ रुपए से कराया जा रहा। लेकिन गुणवत्ता का ध्यान लोक निर्माण विभाग के अधिकारी नहीं रख रहे। बिना साइट इंजीनियर की मौजूदगी में नाले की जगह नाली और सड़क निर्माण हो रहा। शासन से स्वीकृत एस्टीमेट, प्रस्ताव में डेढ़ मीटर चौड़ा डक्ट दो पार्टीशन में बनाया जाना है। मगर ठेकेदार ने नाले में पार्टीशन नहीं रखा। पार्टीशन में टेलीफोन एवं अन्य लाइनों को शिफ्ट किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
धंस रही सड़क, कराएंगे मेंटनेंस
अभी सड़क निर्माण पूरा ही नहीं हुआ और जगह-जगह से डामरीकृत सड़क धंसने लगी। डामरीकरण में भी सिगंल कोट किया गया, शुरुआती दौर में ही कई जगह थेगड़े नजर आ रहे। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात की जाए तो उनका जबाब रहता, ठेकेदार को पांच साल तक सड़क की मरम्मत करनी है, उससे सड़क दुरुस्त करवाएंगे।
नाली
फिलहाल सागर रोड पर दूसरे हिस्से में नाली निर्माण किया जा रहा। कृषि फार्म के सामने लंबे हिस्से में नाली खुदाई में निकली मिट्टी को सड़क किनारे ही फैला दिया गया। अब उसी पर सड़क बनाने की तैयारी होगी, इससे सड़क की गुणवत्ता कमजोर रहेगी। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने ठेकेदार को मनमानी करने की पूरी छूट दे रखी। तभी तो तकनीकी पहलुओं को नजर अंदाज कर फोरलेन रोड बनाई जा रही।
रसूखदारों का खूब रखा जा रहा ध्यान
सागर रोड बनाए डिवाइडर शुरुआती समय में ही टूट गए। जबकि सांची रोड आरसीसी के साथ डिवाइडर बनाए है। यहां भी सड़क कहीं चौड़ी और कहीं सकरी नजर आती है। इसी तरह गल्र्स स्कूल से लेकर केनरा बैंक के सामने और मुखर्जी नगर गेट तक सड़क की दिशा ही घुमा दी गई। बताया जा रहा है कि इस लाइन में कुछ रसूखदार और राजनैतिक लोगों के मकान हैं। उनकी दुकानों का काम प्रभावित न हो और लोडिगं वाहन आसासी से खड़े हो सके। पीडब्ल्यूडी सहित प्रशासन द्वारा इसका पूरा ध्यान रखा गया। जबकि आमजन की समस्या को नजर अंदाज कर दिया।
नहीं हटाए पुराने खंभे
सागर रोड पर केनरा बैंक से लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा के सामने लगे पुराने खंभों पर ही नए खंभो से आई लाइन खींचकर मिला दी गई। जबकि ये खंभे सड़क के बिल्कुल नजदीक खड़े हैं। फोरलेन सड़क प्रोजेक्ट में इन खंभों को हटाकर नए खंभे नाले के पीछे लगाए जाने थे। मगर बिजली कार्य देख रहे ईएडंएम शाखा ने यहां भी मापदंडों को दरकिनार कर दिया। सड़क के नजदीक लगे खंभों से वाहनों की आवाजाही के दौरान हादसे की संभावना बनी रहेगी। यदि कोई वाहन इन खंभों से टकरा गया तो बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी तरह सागर तिराहे से लेकर गंज बाजार वाली साइड पर भी महामाया चौक तक पुराने खंभे सड़क के समीप लगे हैं।
इनका कहना
अभी सड़क पूरी तरह से बनी नहीं है, जहां आवश्यकता होगी, वहां डिवाइडर बनाया जाएगा। इसके लिए एक दिन पूरे मार्ग का निरीक्षण करेंगे। यदि बिजली के खंभे नहीं हटाए गए तो उसके लिए ईएडंएम शाखा के अधिकारी जिम्मेदार हैं।
किशन वर्मा, ईई, लोक निर्माण विभाग रायसेन संभाग।

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