जब तक नहीं खुलेंगे मंदिर के ताले अन्न ग्रहण नहीं करूंगी
मंदिर के ताले नहीं खुलने पर उमाभारती ने किया नया ऐलान, बाहर से पूजन कर गंगाजल कलेक्टर को सौंपा।
रायसेन
Published: April 11, 2022 06:08:25 pm
रायसेन. किला परिसर स्थित भगवान सोमेश्वर महादेव का अभिषेक करने गंगाजल लेकर पहुंचीं उमा भारती को निराशा हाथ लगी। हालांकि किसी विवाद और परेशानी के बिना उमा ने प्रशासन के आग्रह को स्वीकार किया और बाहर से ही भगवान शिव की पूजन कर अपने साथ लाये गंगाजल का पात्र कलेक्टर को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि जब तक मंदिर के ताले नहीं खुलेंगे मैं अन्य ग्रहण नहीं करूंगी और ताला खुलने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ आकर इसी गंगा जल से भगवान सोमेश्वर महादेव का अभिषेक करूंगी। उन्होंने मंदिर परिसर में सीढिय़ों पर बैठकर लगभग 1 घंटे का समय बिताया और प्रशासन तथा अन्य लोगों से चर्चा की। इसके बाद नीचे उतर कर मीडिया से बात की तथा जनता को संबोधित किया। इस तरह उमाभारती के जलाभिषेक के ऐलान के बाद से पशोपेश में फंसे प्रशासन ने राहत की सांस ली।
उमा भारती के कार्यक्रम को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। किला मार्ग से लेकर किला परिसर तक बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था। सुबह लगभग 9.45 बजे उमा भारती सर्किट हाउस पहुंची, जहां स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने उनकी अगवानी की। कुछ देर उनसे चर्चा की, इसके बाद किला मंदिर के लिए रवाना हुईं। जिला प्रशासन ने उमा भारती के साथ कुछ ही लोगों को किला पहाड़ी पर जाने की अनुमति दी। यहां तक कि मीडिया को भी किले तक नहीं जाने दिया गया। किला मार्ग पर बैरिकेट लगाकर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर मीडिया कर्मियों और भाजपा कार्यकर्ताओं को रोक दिया गया। जिसे लेकर लगभग 1 घंटे तक हंगामा होता रहा। कार्यकर्ता बेरिकेट हटाकर घुसने का प्रयास करते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया। इस दौरान मुदित शेजवार और टीआई के बीच बहस भी हुई। बाद में मुदित शेजवार अपने समर्थकों के साथ सड़क किनारे बने एक चबूतरा पर बैठकर भजन करते रहे।
पूरणमल और रत्नावली को किया याद
चौपड़ा बावड़ी के पास लोगों को संबोधित करते हुए उमा भारती ने कहा कि किले का इतिहास जानने के बाद से उन्हें बहुत दुख हुआ है। राजा पूरणमल, रानी रत्नावली उनकी बेटी और बेटों के साथ जो हुआ उसे भुलाया नहीं जा सकता। रानी रत्नावली को भारतीय संस्कृति और हिंदुत्व की शान बताते हुए उनके बलिदान और सैकड़ों रानियों के जोहर को याद किया।
अन्न छोडऩे की घोषणा खुशी के लिए
किला मंदिर में अन्न छोडऩे की घोषणा के बाद नीचे उतरकर उमाभारती ने कहा कि मैने अपनी खुशी के लिए यह संकल्प लिया है। यह केंद्र सरकार, राज्य सरकार या प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए नहीं है। उन्होंने प्रशासन द्वारा मंदिर का ताला नहीं खोलने के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह मंदिर केंद्रीय पुरातत्व पर्यवेक्षण विभाग के अधीन है और उसी के निर्णय पर ताला खोला जा सकेगा। लेकिन मुझे यहां आना था, इसलिए मैं आई हूं और अपने साथ लाया गंगाजल कलेक्टर को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन मंदिर के ताले खुल जाएंगे उस दिन सभी लोगों के साथ मंदिर परिसर में ही टिक्कड़ बनाऊंगी और भगवान सोमेश्वर महादेव को गुड़ टिक्क का भोग लगाउंगी।
मीडिया पर रोक पर उठे सवाल
प्रशासन द्वारा मीडिया को किले पर जाने से रोक लगाने पर कई सवाल खड़े हुए। उमाभारती ने भी अधिकारियों से इस सवाल खड़े करते हुए मीडिया को आने देने के लिए कहा। बड़ा सवाल यह था कि आखिर प्रशासन मीडिया से क्या छिपाना चाहता था। जबकि ऐसा कोई मामला नहीं था, पहले ही सब स्पष्ट हो चुका था। हालांकि उमाभारती के कहने पर बाद में मीडिया के कुछ लोगों को किला मंदिर तक ले जाया गया।

जब तक नहीं खुलेंगे मंदिर के ताले अन्न ग्रहण नहीं करूंगी
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
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