रायसेन

अधिकारियों ने देखा कैसे जुटाएंगे चिडिय़ाघर की व्यवस्थाएं

वन विभाग के अधिकारियों ने प्रस्तावित स्थल चिडिय़ा टोल का निरीक्षण कर जायजा लिया, टीम में भोपाल और विदिशा के अधिकारी भी शामिल थे

रायसेनDec 02, 2017 / 11:42 am

brajesh tiwari

Raisen Officers did the arrival of the pigeon toll

रायसेन। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अब जल्द ही खरबई के जंगल में एक चिडिय़ाघर आकार लेगा। साथ ही यहीं रोप एडवेंचर के लिए जिप लाइन की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे न बल्कि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर खुलेंगे। खरबई के नजदीक हरे भरे जंगल में प्रस्तावित चिडिय़ाघर में वन्य प्राणियों के लिए पीने के पानी सहित उनके ठहरने के लिए सुरक्षित जगह सहित तार फेंसिंग व वाहन पार्किंग के लिए जगह चिन्हित करने के लिए शुक्रवार को सुबह से शाम तक वन महकमे के आला अफसरों ने निरीक्षण कर जायजा लिया। वन विभाग के अधिकारियों की इस टीम में रायसेन सहित भोपाल, विदिशा के वन अधिकारी शामिल थे। टीम ने खरबई सर्किल के सेहतगंज, गोपीसुर सतकुण्डा, महादेव पानी, जोगन झिरी आदि जगहों का निरीक्षण की जायजा लिया।

 

शुक्रवार को सुबह एपीसीसीएफ लैंड मैनेजमेंट सुनील कुमार अग्रवाल, सीएफ रवीन्द्र सक्सेना, सीसीएफ भोपाल विजय नेमा, डीएफओ रमेश गनावा, एसडीओ अखिलेश अग्रवाल, रेंजर वीरेंद्र कुमार, डिप्टी रेंजर राकेश कुमार कैलोदिया आदि ने चिडिय़ाघर के लिए प्रस्तावित खरबई सर्किल के महादेव पानी झरने, जोगन झिरी, गोपीसुर सतकुंडा, नई दिल्ली आदि क्षेत्रों का भ्रमण किया।

तार फेंसिंग व पार्किंग की जगह चिन्हित की
वन विभाग के इन अधिकारियों की टीम ने जाकर देखा कि पानी के स्रोत कहां-कहां हैं, और उन्होंने देखा कि वन्य प्राणियों के लिए पानी के इंतजाम कहां बेहतर तरीके से किए जा सकते हैं। इसके अलावा अधिकारियों की टीम द्वारा चिडियाघर में तार फेंसिंग और वाहन पार्किंग आदि के लिए भी जगहों को चिन्हित किया गया।
 

डीएफओ रमेश गनावा ने बताया कि चिडिय़ाघर के साथ ही जिप लाइन के लिए भी तैयारियां की जा रही हैं। इसके अलावा गोपालुपर के समीप शांति वन में तितलीघर का निर्माण भी बहुत जल्द पूरा होने जा रहा है। यह दोनों जगहों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के बारे में विचार किया जाएगा।
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